चुनावी नगाड़ा बजाने के लिए सरकार के बाद अब संगठन भी हुआ सक्रिय

Edited By Updated: 02 May, 2017 09:43 AM

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नगर निगम में चुनावी नगाड़ा बजाने के लिए राज्य सरकार के बाद अब कांग्रेस संगठन भी सक्रिय हो गया है....

शिमला: नगर निगम में चुनावी नगाड़ा बजाने के लिए राज्य सरकार के बाद अब कांग्रेस संगठन भी सक्रिय हो गया है। सत्ताधारी दल के अलसाए कार्यकर्ताओं में नए रक्त का संचार करना आरंभ हो गया है। मोदी लहर से उत्साहित भगवा ब्रिगेड पर भारी पड़ने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने खुद पहल की है। उन्होंने संगठन को न केवल सक्रिय करने का बीड़ा उठाया है बल्कि इसे चुनावी सफलता तक ले जाने की बड़ी चुनौती को भी स्वीकारा है। उन्हें सच्चे सारथियों तथा साथियों की दरकार है। ऐसे सारथी जो चुनावी वैतरणी पार लगाएं, कहीं बीच रण में साथ न छोड़ दें या फिर विपक्ष के साथ हाथ न मिलाएं। ऐसे खतरे चुनाव के वक्त अब आम हो चले हैं। इन खतरों को कांग्रेस को भी भांपना ही होगा। टीम सुक्खू ने जिस तरह से रोस्टर जारी होने के बाद के राजनीतिक हालातों को विश्लेषण किया है, उससे साफ है कि कांग्रेस संगठन के भीतर सब कुछ फिलहाल तो ठीक नहीं चल रहा है। 


चुनावी रण के प्रमुख योद्धा अपनी ही सरकार के रोस्टर से ‘जख्मी
चुनावी रण के प्रमुख योद्धा अपनी ही सरकार के रोस्टर वार से बुरी तरह से ‘जख्मी’ हैं। उन्हेंं इस ‘चोट’ से उबरने में वक्त लग सकता है। असल में कई कांग्रेसी पार्षदों के वार्ड आरक्षित हो गए हैं। इससे सिटिंग पार्षदों का मनोबल टूट गया है। इस टूटे हुए मनोबल के सहारे कांग्रेस उनसे चुनाव के बारे में सुझाव तो ले रही है, पर वे इस हालत में नहीं है कि संगठन को सफलता की ओर ले जा सकें। खैर, वर्तमान हालात में कांग्रेस को भी लग रहा है कि अभी चुनाव करवाना सही नहीं होगा। पार्टी को अब वोटर लिस्ट में खामियां नजर आने लगी हैं। दरअसल इस लिस्ट का कांग्रेस ने देरी से पोस्टमार्टम किया है। पहले जांच-पड़ताल की होती तो सुधार के लिए वक्त भी था। मेयर और डिप्टी मेयर ने तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को पत्र तक लिखा। इसमें नगर निगम की पिछले महीने हुई बैठक में पारित प्रस्ताव का भी जिक्र किया गया था।


पार्टी चुनाव टालना चाहती है
ऐसे में कांग्रेस की देरी से सक्रियता से कहा जा सकता है कि पार्टी चुनाव टालना चाहती है। वह नहीं चाहती कि चुनाव ऐसे वक्त में हों जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिमला में रैली कर रखी है। ऐसी रैली जिसमें भारी भीड़ उमड़ी थी। हालांकि इस पर सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है। इसे विपक्षी दल भाजपा जहां ऐतिहासिक रैली करार दे रही है, वहीं सरकार के मुखिया इस पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि इकलौती रैली हिमाचल के विधानसभा चुनाव और निगम चुनाव की जीत सुनिश्चित होने का पैमाना नहीं है। इसकी काट के लिए कांग्रेस सक्रिय हो गई है। इससे पहले सरकार सक्रिय हुई। आरक्षण रोस्टर की अधिसूचना जारी की लेकिन कांग्रेस के सामने एकजुट भाजपा से निपटने की पहाड़ जैसी चुनौती होगी। 


वोटर लिस्ट दुरुस्त करवाने निर्वाचन आयुक्त के दरबार पहुंची कांग्रेस
नगर निगम चुनाव को लेकर तैयार हुई वोटर लिस्ट में गड़बडिय़ों का आरोप लगाते हुए प्रदेश कांग्रेस के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्य निर्वाचन आयुक्त पी. मित्रा से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की। इस अवसर पर प्रतिनिधिमंडल ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को ज्ञापन सौंपते हुए मतदाता सूचियों की खामियों को दूर करने की मांग की। कांग्रेस का कहना था कि वोटर लिस्ट को पूरी तरह से दुरुस्त किए जाने के बाद ही चुनावी शैड्यूल जारी किया जाए। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि फर्जी तरीके से बनाए गए वोटरों को लिस्ट से बाहर किया जाए। उन्होंने कहा कि नए वोटर बनाते समय उनके आयु प्रमाण पत्र भी नहीं लिए गए हैं, जिससे कई सवाल खड़े होते हैं। प्रदेश कांग्रेस ने राज्य निर्वाचन आयुक्त से कहा है कि उनके द्वारा वोटर लिस्ट को लेकर जो आपत्तियां दी गई हैं, उन पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने क्या कदम उठाया है, इस बारे स्थिति स्पष्ट नहीं की जा रही है। राज्य निर्वाचन आयुक्त से कांग्रेस को जो प्रतिनिधिमंडल मिला, उसमें 5 पूर्व मेयर भी शामिल थे। इनमें पूर्व मेयर आदर्श सूद, जैनी प्रेम, सोहन लाल, नरेंद्र कटारिया और मनोज कुमार शामिल हैं। इसके साथ ही पार्टी महासचिव नरेश चौहान, शिमला शहरी कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप सिंह भुच्चा, मौजूदा पार्षद और पूर्व पार्षद भी शामिल थे। 


मोदी लहर को उखाड़ने का दावा
कांग्रेस कमेटी के राज्य सचिव दीपक राठौर का दावा है कि नगर निगम शिमला के चुनाव में कांग्रेस मोदी लहर को उखाड़ फैंकेगी। उनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता गांव-गांव, चूल्हे-चूल्हे तक फैले हुए हैं। शिमला में भी हर घर में कांग्रेस की मौजूदगी है। राठौर का कहना है कि प्रदेश के लोग सच्चे-पक्के हैं। वे जुमलेबाजी को नहीं, व्यवहारिकता को तवज्जो देंगे। उनका मानना है कि कांग्रेस देश का सबसे पुराना संगठन है। इसके कार्यक्रम पहले से तय होते हैं। सिर्फ इसकी घोषणा करने की जरूरत रहती है। पार्टी ने चुनाव लड़े भी हैं और जीते भी हैं। उन्होंने कहा कि निगम चुनाव भी कांग्रेस जीतेगी। उन्होंने मोदी सरकार पर तीखे प्रहार किए। उन्होंने कहा कि भारत का सैनिक वतन की रक्षा की खातिर छाती पर गोली खाता था, दुश्मन पर गोली दागता था लेकिन मोदी सरकार ने इस वीर सैनिक को इतना लाचार कर दिया है वह जेहादियों के हाथों थप्पड़ खा रहा है। राठौर के अनुसार सैनिकों के साथ हो रहे इस अपमान का बदला शिमला के लोग वोट के जरिए देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा का राष्ट्रवाद वोट बैंक के लिए है जबकि कांग्रेस का राष्ट्रवाद ही सच्चा और देश पर मर मिटने वाला राष्ट्रवाद है। सचिव ने कहा कि बेहतर होता कि निगम चुनाव पार्टी सिंबल पर होता। कांग्रेस के युवा नेता एवं यूथ कांग्रेस के पूर्व प्रदेश महासचिव कपिल शर्मा का कहना है कि कांग्रेस की जड़ें इतनी मजबूत हैं कि इसे भाजपा नहीं उखाड़ पाएगी। उनकी नजर में शिमला में संगठन जल्द अपनी फॉर्म में आ जाएगा। पार्टी के पास बेहतरीन उम्मीदवार हैं। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह जैसे अनुभवी नेता हैं। सुक्खू जैसे पार्टी के युवा अध्यक्ष हैं। हां नेताओं को आम कार्यकर्ताओं के साथ सीधा संवाद कायम करना होगा। उनका कहना है कि जल्द ही संगठन और सरकार में और बढ़िया तालमेल दिखेगा। बस सभी को चुनाव की औपचारिक घोषणा का इंतजार है। 

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