निष्कासनों को लेकर कांग्रेस में घमासान, सुक्खू के समर्थन में उतरे पार्टी सचिव

Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Feb, 2018 01:10 AM

gory in congress about expulsion party secretary in support of sukhu

हिमाचल कांग्रेस से 6 सालों के लिए निष्कासित किए गए 37 नेताओं व पदाधिकारियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

शिमला: हिमाचल कांग्रेस से 6 सालों के लिए निष्कासित किए गए 37 नेताओं व पदाधिकारियों का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पार्टी की इस कार्रवाई को लेकर जहां एक खेमा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ  लामबंद है तो वहीं अब दूसरी तरफ  से सुक्खू के भी समर्थन में कुछ नेताओं ने खुलकर बोलना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस के सचिव बलदेव ठाकुर ने पार्टी अध्यक्ष सुक्खू के फैसले का बचाव किया है। 

सुक्खू ने अनुशंसा मिलने के बाद ही लगाई निष्कासन पर मोहर 
बलदेव ठाकुर ने कहा है कि बीते दिनों कांग्रेस ब्लाक अध्यक्षों तथा ब्लाक पर्यवेक्षकों की बैठक में भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त रहे नेताओं और पदाधिकारियों का मुद्दा जोर-शोर से उठा था। इसके साथ ही जिन नेताओं व पदाधिकारियों को संगठन से निष्कासित किया गया है, उनके खिलाफ ब्लाक व जिलाध्यक्षों के साथ ही पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी की तरफ से पुख्ता साक्ष्य के साथ लिखित शिकायतें पार्टी को मिली थीं, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मामला दिल्ली हाईकमान को भेजा था। इसी कड़ी में हाईकमान की अनुशंसा मिलने के बाद ही कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने संबंधित नेताओं के निष्कासन पर मोहर लगाई है। 

पार्टी अध्यक्ष को दोष देना गलत
बलदेव ठाकुर ने कहा है कि 37 नेताओं व पदाधिकारियों के निष्कासित किए जाने के लिए कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष को दोषी ठहराना पूरी तरह से गलत है। उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने अपनी मर्जी से किसी को पार्टी से नहीं निकाला है बल्कि पार्टी की मीटिंग में संबंधित क्षेत्र के नेताओं, जिनमें सभी ब्लाकों के अध्यक्ष तथा पर्यवक्षेक शामिल थे। सभी ने भितरघातियों के ऊपर कार्रवाई का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि इसके बाद निष्कासन की कार्रवाई हुई। 

वीरभद्र सिंह से भी लगा चुके हैं गुहार
पार्टी की कार्रवाई को गलत ठहराते हुए निष्कासित किए गए कुछ पदाधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से भी मामला हाईकमान के समक्ष उठाने की गुहार लगा चुके हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि वीरभद्र सिंह पूरे मसले को हाईकमान के समक्ष उठा सकते हैं ताकि पार्टी को लोकसभा चुनाव में किसी तरह का नुक्सान न उठाना पड़े। मुख्यमंत्री शुक्रवार को मणिपुर में थे, ऐसे में वह शिमला लौटने से पहले दिल्ली में पार्टी नेताओं से मिल सकते हैं। 

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