Edited By Updated: 21 May, 2017 03:56 PM
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री रहे डा. राधारमण शास्त्री की भाजपा में वापसी हो गई है।
शिमला: पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एवं शिक्षा मंत्री रहे डा. राधारमण शास्त्री की भाजपा में वापसी हो गई है। शास्त्री शिमला जिला में भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष के साथ-साथ वह सूबे में शिक्षा मंत्री भी रहे हैं। उनको पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद शांता कुमार का करीबी माना जाता है। चौपाल से 2 चुनाव जीतने के बाद बेशक वह कई बार चुनाव हारे लेकिन उनकी गिनती सुलझे हुए नेताओं में रही है। बीते विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा को अलविदा कहा था तथा शिमला शहरी से एन.सी.पी. के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा था। चुनाव में उन्हें करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से वह लगातार हाशिए में जाते प्रतीत हो रहे थे लेकिन शनिवार को उन्होंने फिर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की।
10 साल तक लगातार रहे प्रदेश महासचिव
राधारमण शास्त्री मूल रूप से जिला चौपाल से संबंध रखते हैं। वह आपातकाल के दौरान 19 दिनों के लिए भाजपा के वरिष्ठ नेता शांता कुमार के साथ नाहन जेल में भी रह चुके हैं। वर्ष 1977 में वह पहली बार चुनाव लड़ कर विधानसभा पहुंचे थे। इस दौरान वह पर्यटन बोर्ड के अध्यक्ष भी रहे। इसके बाद वह वर्ष 1990 में फिर चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे और भाजपा सरकार में शिक्षा मंत्री रहे। इसी कार्यकाल में वह विधानसभा अध्यक्ष भी रहे। राधारमण शास्त्री वर्ष 1980 से लेकर 1990 तक लगातार प्रदेश भाजपा के महासचिव भी रहे। संगठन और भाजपा सरकार में अहम पदों पर रहने के बावजूद वह पार्टी से अलग हो गए थे।
अब चौपाल में छिड़ेगी टिकट की जंग
डा. राधारमण शास्त्री की घर वापसी से चौपाल विधानसभा क्षेत्र में सियासी माहौल गरमाना तय है। विशेष है कि चौपाल विस क्षेत्र से निर्दलीय विधायक के रूप में पहली बार चुन कर विधानसभा पहुंचे बलबीर वर्मा ने हाल ही में भाजपा का दामन थामा था। ऐसे में वह चौपाल विस क्षेत्र से भाजपा टिकट के सशक्त दावेदार माने जा रहे थे लेकिन अब राधारमण शास्त्री की घर वापसी से उनके समीकरण बिगड़ सकते हैं।