Edited By Punjab Kesari, Updated: 20 Aug, 2017 05:08 PM
पिछले काफी समय से मनाली के पर्यटन स्थल रोहतांग रोपवे के लिए प्रदेश सरकार भी हरे पेड़ काटने के लिए राजी नहीं है।
कुल्लू (मनमिंदर): पिछले काफी समय से मनाली के पर्यटन स्थल रोहतांग रोपवे के लिए प्रदेश सरकार भी हरे पेड़ काटने के लिए राजी नहीं है। रोहतांग के लिए नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा दिए गए आदेशों के मुताबिक पर्यटकों को रोहतांग घुमाने के लिए एक रोपवे प्रस्तावित है। लेकिन इस रोपवे के लिए न तो स्थानीय लोग इच्छुक हैं और न ही प्रदेश सरकार। प्रदेश सरकार का कहना है कि अगले साल तक रोहतांग के नीचे से बनने वाली 9 किलोमीटर ट्रैफिक सुरंग यातायात के लिए खुल जाएगी, जिसके बाद रोहतांग पर गुजरने वाले लाहौल-स्पीति और लेह-लद्दाख के ट्रैफिक की भीड़ दर्रे पर खत्म हो जाएगी।
सरकार हरे पेड़ों की बलि देने के बिल्कुल खिलाफ
रोहतांग केवल वही लोग जाएंगे जिन्होंने बर्फ का आनंद उठाना होगा। कुल्लू के पत्रकारों से बात करते हुए सरकार में वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी ने कहा है कि हमारी सरकार हरे पेड़ों की बलि देने के बिल्कुल खिलाफ है और अगले साल तक रोहतांग सुरंग का निर्माण पूरा हो जाएगा। उसके बाद रोहतांग के लिए रोपवे बनने की जरुरत नहीं रहेगी।
रोहतांग रोपवे बनने के बाद स्थानीय लोग बेरोजगार हो जाएंगे
लोगों को डर है कि रोहतांग रोपवे बनने के बाद इसका फायदा सिर्फ रोपवे कंपनी को होगा और पर्यटन से जुड़े स्थानीय लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इस रोपवे को लेकर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सरकार पर जल्दी बनने का दवाव डाल रहा है जिसके लिए सरकार ने तो अपनी तरफ से कार्रवाई जारी रखी है। लोगों की मानें तो टनल बनने के बाद रोहतांग के लिए ट्रैफिक वैसे ही कम हो जाएगी। रोहतांग के लिए प्रस्तावित रोपवे के फाइनल सर्वे में करीब 1355 पेड़ बलि चढ़ेंगे। इसमें 148 पेड़ दुर्लभ प्रजातियों के हैं।