Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Jul, 2017 04:14 PM
कहते हैं प्यार अंधा होता है और जब किसी से प्यार हो जाए तो फिर क्या समुद्र और क्या सरहदें। एक ऐसा ही मामला हिमाचल के कुल्लू जिले में सामने आया है।
कुल्लू: कहते हैं प्यार अंधा होता है और जब किसी से प्यार हो जाए तो फिर क्या समुद्र और क्या सरहदें। एक ऐसा ही मामला हिमाचल के कुल्लू जिले में सामने आया है। जहां फीनलैंड की रहने वाली केट्री (विदेशी मेम) का दिल कुल्लू की खराहल घाटी के तहत आने वाले ठासीभ्रा के घनश्याम ठाकुर पर आया है। घनश्याम ने कभी नहीं सोचा था कि गोआ में घूमना उनके लिए एक दुखद संकेत लेकर आएगा। केट्री ने घनश्याम को पहली बार देखते ही अपना जीवनसाथी चुन लिया था। वहीं दूसरी ओर केट्री के लिए भी भारत का पहला भ्रमण यादगार बन गया। दोनों के प्रेम की कहानी की जुबानी कहें तो सितंबर, 2016 में घनश्याम ठाकुर भ्रमण करने के लिए पहली मर्तबा गोवा गए। वहां केट्री से मुलाकात हुई।
शादी के सूत्र में बंधे दोनों
पहली ही नजर में केट्री के साथ हुई बातचीत दोस्ती में बदल गई। फिर प्रेम परवान चढ़ा और आखिरकार दोनों ने गोआ में ही शादी करने का निर्णय लिया। अप्रैल, 2017 में केट्री देवघाटी कुल्लू पहुंची और यहां की संस्कृति व पहाड़ की खूबसूरती पर फिदा हुई। अंत में दोनों ही कुल्लू में शादी के सूत्र में बंध गए। वह अब हिंदी के अलावा कुल्लू की ठेठ बोली भी सीख रही है। वह सभी को हाथ जोड़कर नमस्ते भी करती है। उन्हें यहां की वेशभूषा और खान-पान भी फब गया है। केट्री को कुल्लवी व्यंजन के चटखारे अच्छे लगते हैं।
सात समंदर पार कुल्लू की रिश्तेदारी
इसमें यहां के युवक और युवतियां शुमार हैं। जिनकी नातेदारी अब विदेशी तक पहुंची है। पिछले करीब अढ़ाई दशक में कुल्लू के करीब 50 युवक-युवतियां विदेशियों के साथ रिश्तेदारी की डोर में बंध गए हैं। जहां 12 देशों की युवतियों ने अपने जीवनसाथी कुल्लू में ढूंढ लिए हैं। वहीं 11 देशों के विदेशी मेहमान यहां की युवितयों पर फिदा हुए हैं। कुल्लू के युवक-युवतियों के जिन देशों में सम्बन्ध बने हैं उनमें कनाडा, डेनमार्क, बेल्जियम, यूएसए, फ्रांस, स्विस, कोरिया, इटली, रशिया, जापान, इजरायल, ब्रिटीश आदि शामिल हैं।