Edited By Punjab Kesari, Updated: 30 Oct, 2017 11:42 AM
राज्य में 1 लाख 12 हजार युवा मतदाता लोकतंत्र के इस महापर्व में पहली बार आहुति डालने को तैयार हैं। बालिग हुए इन युवाओं के वोट पहली बार बने हैं। इनके अलावा अन्य युवा वोटरों की भी विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका रहने वाली है चूंकि प्रदेश में 18 से 40 साल...
शिमला: राज्य में 1 लाख 12 हजार युवा मतदाता लोकतंत्र के इस महापर्व में पहली बार आहुति डालने को तैयार हैं। बालिग हुए इन युवाओं के वोट पहली बार बने हैं। इनके अलावा अन्य युवा वोटरों की भी विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका रहने वाली है चूंकि प्रदेश में 18 से 40 साल की आयु वर्ग के 50.60 फीसदी वोटर हैं जबकि 41 से 60 साल की उम्र के 32.91 फीसदी वोटर और 61 वर्ष से अधिक आयु के 16.47 फीसदी वोटर हैं। जाहिर है कि किसी भी दल की जीत-हार का फैसला युवा मतदाता ही करेंगे। स्वाभाविक है कि भारतीय जनता पार्टी के आज जारी होने वाले विजन डॉक्यूमैंट और कांग्रेस व माकपा के चुनावी घोषणा पत्र में युवाओं के लिए कई लोक-लुभावन वायदे हो सकते हैं। जिस तरह से साल 2012 में कांग्रेस ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देने का वायदा चुनावी घोषणा पत्र में करके सत्ता कब्जाई थी। ठीक उसी तरह के वायदे इस बार भी कांग्रेस-भाजपा के विजन डॉक्यूमैंट व घोषणा पत्र में देखने को मिल सकते हैं।
25 साल से अधिक आयु का युवा रोजगार चाहता है
उल्लेखनीय है कि युवाओं में ज्दायातर वोटर ऐसा होता है जो किसी भी दल के साथ नहीं जुड़ा होता। ऐसा युवा चुनाव में डिसाइडिंग फैक्टर की भूमिका निभाएगा चूंकि रोजगार के अवसर लगातार कम हो रहे हैं। उद्योगों में भी प्रदेश के कामगारों को नौकरी देने में प्राथमिकता नहीं दी जा रही है। यही वजह है कि छोटे से प्रदेश में बेरोजगारों का आंकड़ा 13 लाख पार कर गया है। 18 से 25 साल तक का युवा अच्छी शिक्षा के साथ-साथ शिक्षण संस्थानों में बेहतर शैक्षणिक सुविधाएं चाहता है जबकि 25 साल से अधिक आयु का युवा रोजगार चाहता है। प्रदेश में 41 साल से अधिक आयु वर्ग के 24 लाख, 63 हजार 910 वोटर हैं। इस आयु वर्ग के लोगों के बारे में ये कहा जाता है कि ज्यादातर लोग किसी न किसी दल विशेष के साथ जुड़े रहते हैं। ऐसे लोगों पर चुनावी घोषणा पत्र भी ज्यादा असर नहीं डालता है।