Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Sep, 2017 01:04 AM
पहले शिलान्यास कर दिया और बाद में पता चला कि चिह्नित जमीन पर पार्किंग का निर्माण नहीं किया जा सकता।
बिझड़ी: पहले शिलान्यास कर दिया और बाद में पता चला कि चिह्नित जमीन पर पार्किंग का निर्माण नहीं किया जा सकता। अब 7 सालों से जमीन ही खोजी जा रही है जबकि श्रद्धालु व स्थानीय लोग पार्किंग का इंतजार कर रहे हैं। बात उत्तरी भारत के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध की है, जहां पर्यटक एवं सूचना केंद्र द्वारा किए गए शिलान्यास का आज तक कार्य शुरू नहीं हो पाया है। वर्ष 2010 में हुए शिलान्यास का कार्य आरंभ न होने के कारण लोगों में काफी रोष पनप रहा है। जिस जगह पर यह पार्किंग बनाई जानी है वह तकरीबन 10 से 12 कनाल की भूमि बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध के नाम थी, जिसे पार्किंग बनाने के लिए पर्यटक एवं सूचना केंद्र ने अपने नाम करवाया था परंतु आज दिन तक यह पार्किंग तैयार नहीं हो पाई है।
चैत्र मेले के दौरान आते हैं लाखों श्रद्धालु
बताते चलें कि चैत्र मेले के दौरान लाखों के हिसाब से श्रद्धालु बाबा के दरबार में नतमस्तक होने आते हैं। चैत्र मेले के अलावा भी पूरा वर्ष श्रद्धालु बाबा की नगरी में नतमस्तक होते हैं जहां हजारों के हिसाब से वाहन बाबा की नगरी में आते हैं परंतु पार्किंग की सही व्यवस्था न होने के कारण इन वाहनों को सड़क के किनारे खड़ा कर देते हैं, जिससे यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से नहीं चलती है और यहां पर जाम की स्थिति उत्पन्न होती है। अगर इस शिलान्यास का कार्य आरंभ कर दिया होता तो दियोटसिद्ध पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पार्किंग की समस्या से जूझना नहीं पड़ता।
500 से 1 हजार वाहनों की होगी पार्किंग
बता दें पर्यटक एवं सूचना केन्द्र के द्वारा दियोटसिद्ध में पुलिस चौकी के सामने व मुख्य मार्ग के सामने 16 मई, 2010 को पार्किंग बनाने का शिलान्यास किया गया था। यह शिलान्यास पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल के द्वारा किया गया था परंतु शिलान्यास पट्टिका लगी हुई रह गई है और इसके ऊपर आज दिन तक काम नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार ने भी इस पाक्रिंग को बनाने की कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। अगर प्रदेश सरकार इस पर रुचि दिखाती है तो एक समय में 500 से 1000 के करीब वाहन यहां पर खड़े हो सकते हैं।
क्या कहते हैं एस.डी.एम
एस.डी.एम. एवं बाबा बालक नाथ मंदिर न्यास के अध्यक्ष धनवीर ठाकुर ने बताया कि जो जमीन चिह्नित की गई थी, वह ढलानदार होने के कारण वहां पर पार्किंग नहीं बन सकती। किसी दूसरी जगह पर पार्किंग बनाने पर विचार किया जा रहा है।