Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Jun, 2017 05:00 PM
अभी तक आपने पिता को ही बेटी का कन्यादान करते देखा होगा। लेकिन हिमाचल के कांगड़ा जिला में एक ससुर ने समाज के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है।
लंज (कांगड़ा): अभी तक आपने पिता को ही बेटी का कन्यादान करते देखा होगा। लेकिन हिमाचल के कांगड़ा जिला में एक ससुर ने समाज के लिए एक अनोखी मिसाल पेश की है। यहां मनेई गांव में शादी के लिए अनूठा मंडप सजा। गाजे-बाजे के साथ आई बारात की खूब आवभगत की गई। खास बात यह कि दुल्हन का कन्यादान पिता की जगह ससुर ने किया।
मार्च 2014 में सड़क हादसे में हुई थी बेटे की मौत
बताया जा रहा है कि पुनर्विवाह करा ससुर गिरधारी लाल ने अपनी विधवा बहू को उसके नए जीवन साथी के साथ विदा किया। इस अनूठी मिसाल की चर्चा पूरे इलाके में है। मार्च 2014 में मनेई के पूर्व प्रधान गिरधारी लाल के बेटे की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। उस समय उनकी बहू की शादी को करीब 3 साल ही हुए थे। उनका बेटा पत्नी और 2 साल की बेटी पीछे छोड़ गया था। बेटे की मौत से टूट चुके पिता ने अपने दुख से ज्यादा बहू के भविष्य को संवारने की ठानी।
3 साल से तलाश रहे थे बहू के लिए 'वर'
गिरधारी लाल पिछले तीन साल से बहू के लिए अच्छे वर की तलाश में जुटे थे। उन्होंने मन बना लिया था कि वे बहू का पुनर्विवाह करेंगे, इसके लिए चाहे उन्हें समाज का विरोध भी क्यों न झेलना पड़े। आखिरकार पठानकोट के साथ लगते गांव उच्चा थड़ा में उन्हें बेटी समान बहू के लिए प्रदीप कुमार के रूप में वर मिल गया। लड़के के घरवालों के साथ उनकी बहू भी यह रिश्ता करने के लिए राजी हो गई।
एक महीने के बाद मां के साथ रहेगी बेटी
बड़ी संख्या में इलाके के लोगों ने शादी समारोह में आकर वर-वधू को आशीर्वाद दिया। उन्होंने बताया कि अपनी बहू का पुनर्विवाह करवाने के लिए उनके रास्ते में कई अरझनें आईं। लेकिन बेटा खोने के बाद उन्होंने बहू को अपनी बेटी मानकर उसे उसकी खुशियां वापस देने का बीड़ा उठाया। 5 साल की बच्ची फिलहाल एक महीने के लिए दादा गिरधारी लाल के पास ही रहेगी। इसके बाद वह अपनी मां के साथ नए घर पठानकोट में ही रहेगी।