Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Nov, 2017 12:04 PM
भटियात उपमंडल के किसानों की मेहनत पर पानी फिरना शुरू हो गया है।
चुवाड़ी: भटियात उपमंडल के किसानों की मेहनत पर पानी फिरना शुरू हो गया है। अभी किसानों ने गेहूं की फसल की बिजाई भी पूरी नहीं की है कि बंदरों ने खेतों से गेहूं के बीज को चुन-चुनकर खाना शुरू कर दिया है। बीजे गए खेतों में बंदर झुंडों में धावा बोल रहे हैं तथा खेत के कोने-कोने से दाना-दाना चट कर रहे हैं। किसान जब बंदरों को खेतों से खदेड़ते हैं तो बंदर उन्हें डराते हैं तथा हमले पर उतारू हो जाते हैं। लगभग पूरे भटियात में बंदर पहुंच चुके हैं तथा इनसे अब किसान परेशान हो चुके हैं। खेतों से लेकर किचन गार्डन तक संभालने मुश्किल हो गए हैं। हर मौसम में किसान हजारों रुपए खर्च कर फसलों को इस आस में बीजता है कि इस बार अच्छी फसल होगी, परंतु अच्छी फसल की पैदावार होने से पहले ही जंगली जानवर व बंदर फसलों को चट कर जाते हैं। सरकार किसानों को खेतीबाड़ी के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए नई योजनाएं बना रही है। सिंचाई की सुविधा देने के प्रयास हो रहे हैं, परंतु जब तक जंगली जानवरों का कोई ठोस प्रबंध नहीं होता, तब तक सरकार के प्रयास किसानों को लाभ देने वाले नहीं हैं।
किसानों का खेतीबाड़ी से मोह भंग
भटियात उपमंडल में लगभग 30 प्रतिशत भूमि पर कृषि होती है, परंतु अब इसका आंकड़ा और नीचे खिसक रहा है, जिसका प्रमुख कारण जंगली जानवर हैं। जंगली जानवरों ने किसानों का खेतीबाड़ी से मोह भंग करवा दिया है। किसानों के हित में सरकार को जंगली जानवरों व बंदरों से निजात दिलाने के लिए उचित उपाय करने होंगे, नहीं तो कृषि योग्य भूमि भी बंजर भूमि में बदल जाएगी।