किसान आत्महत्या मामले ने पकड़ा तूल, किसान सभा ने सरकार से की यह मांग

Edited By Punjab Kesari, Updated: 30 Jun, 2017 08:22 PM

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जिला बिलासपुर के बरठीं निवासी हितेष कुमार द्वारा गेहड़वी में की गई आत्महत्या का मामला अब तूल पकडऩे लगा है।

बिलासपुर (मुकेश गौतम): जिला बिलासपुर के बरठीं निवासी हितेष कुमार द्वारा गेहड़वी में की गई आत्महत्या का मामला अब तूल पकडऩे लगा है। हिमाचल किसान सभा के महासचिव एवं पूर्व विधायक राकेश सिंघा सहित क्षेत्र के अन्य किसान इस परिवार का ऋण माफ करने की मांग सरकार से कर रहे हैं। हिमाचल किसान सभा के महासचिव ने कहा कि हितेष कुमार द्वारा की गई आत्महत्या के मामले की छानबीन करने में जिला की पुलिस व प्रदेश सरकार नाकाम रही है। उन्होंने स्थानीय परिधि गृह में पत्रकार वार्ता में कहा कि वह आज मृतक के परिजनों से उसके घर जाकर मिले तथा आत्महत्या के कारणों को जानने का प्रयास किया। 

पैसे लौटाने बाद भी साहूकार ने जब्त कर लिया था ट्रैक्टर
उन्होंने कहा कि मृतक ने बैंक से कर्ज लेकर 4 साल पहले ट्रैक्टर लिया था तथा करीब 22 हजार रुपए की राशि एक साहूकार से ली थी। परिजनों के मुताबिक बैंक का करीब साढ़े 3 लाख रुपए देना बाकि था जबकि हितेष ने 22 हजार रुपए उस साहूकार को लौटा दिए थे लेकिन इसके बावजूद उसने हितेष का ट्रैक्टर जब्त कर लिया, जिससे वह काफी मानसिक दबाव में आ गया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को इस सारे मामले की जांच करनी चाहिए और साहूकार को गिरफ्तार करना चाहिए तथा बैंक का कर्ज भी प्रदेश सरकार को अदा करना चाहिए। 

बिलासपुर में आत्महत्या का यह पहला केस नहीं
उन्होंने कहा कि बिलासपुर में आत्महत्या का यह पहला केस नहीं है। इससे पहले पॉलीहाऊस लगाने वाला खुशहाल चंदेल भी आत्महत्या कर चुका है। उन्होंने कहा कि आज देश में कृषि पर संकट मंडराना शुरू हो गया है। वर्ष 1995 से लेकर आज तक साढ़े 3 लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावों से पहले देश में डा. स्वामी नाथन की सिफारिशों को लागू करने का वायदा किया था लेकिन सत्ता प्राप्ति के बाद उन्होंने इसे एक चुनावी वायदा कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।

देश में पैदा होगा बहुत बड़ा कृषि संकट  
उन्होंने कहा कि स्वामी नाथन की सिफारिशों के मुताबिक किसान को उसके उत्पाद का मूल्य उसकी लागत और 50 प्रतिशत मुनाफे के बाद तय होगा। उन्होंने कहा कि यदि समय रहते केंद्र और राज्य सरकार ने इसके लिए सार्थक पहल नहीं की तो आने वाले समय में देश में बहुत बड़ा कृषि संकट पैदा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार साढ़े 6 लाख करोड़ रुपए का कारपोरेट का कर्ज तो माफ कर सकती है लेकिन जब किसानों की बारी आती है तो सरकार पल्ला झाड़ लेती है मानो किसान देश का नागरिक ही नहीं है। 

हिमाचल में आज भी 19 प्रतिशत भूमि पर ही सिंचाई
किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डा. कुलदीप तनवर ने कहा कि देश को आजाद हुए 70 साल हो गए हैं लेकिन हिमाचल में आज भी 19 प्रतिशत भूमि पर ही सिंचाई होती है। बिलासपुर में सीमांत किसान हैं। यहां पर किसानों को अपनी आजीविका चलाने के लिए अन्य व्यवसाय करने पड़ते हैं। यहां पर बंदरों व जंगली जानवरों के आतंक के कारण किसानों ने खेती करनी छोड़ दी है। प्रदेश सरकार को कृषि को उभारने के लिए प्रभावी कदम उठाने चाहिए। इस अवसर अधिवक्ता नीरज बसु भी मौजूद रहे। 

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