हिमाचल के इन दिग्गजों नेताओं के विधानसभा क्षेत्रों पर टिकी निगाहें

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Dec, 2017 11:45 AM

eyes on assembly area of these veteran leaders of himachal

विधानसभा चुनाव में इस बार दिग्गज नेताओं के चुनाव जीतने व हारने पर लोगों की निगाहें टिकी हैं।

शिमला: विधानसभा चुनाव में इस बार दिग्गज नेताओं के चुनाव जीतने व हारने पर लोगों की निगाहें टिकी हैं। कांग्रेस-भाजपा में मुख्यमंत्री पद के दोनों प्रत्याशियों वीरभद्र सिंह व प्रेम कुमार धूमल के इस मर्तबा विधानसभा क्षेत्र बदले हैं, ऐसे में उनके विधानसभा क्षेत्रों पर सबकी निगाहें हैं। इसी तरह वर्तमान मंत्रिमंडल में शामिल नेताओं और विपक्ष के कई दिग्गज नेताओं पर सबकी नजरें हैं। वर्तमान वीरभद्र सिंह मंत्रिमंडल में विद्या स्टोक्स को छोड़कर सभी चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर, परिवहन मंत्री जी.एस. बाली, ऊर्जा मंत्री सुजान सिंह पठानिया, वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी, उद्योग मंत्री मुकेश अग्रिहोत्री, शहरी विकास एवं आवास मंत्री सुधीर शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा. धनीराम शांडिल कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रहे अनिल शर्मा अंतिम समय में पाला बदलकर भाजपा टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। लिहाजा ऐसे में किसी भी नेता की हार-जीत पार्टी के समीकरण को बिगाड़ सकती है। 

बी.बी.एल. बुटेल नहीं लड़ रहे चुनाव
कांग्रेस से विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी लाल बुटेल इस बार चुनाव नहीं लड़े रहे हैं लेकिन विधानसभा उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मंत्री आशा कुमारी, कुलदीप कुमार, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू तथा गंगू राम मुसाफिर और राम लाल ठाकुर जैसे चुनाव लडऩे वाले नेताओं की जीत-हार पर सत्तारूढ़ पार्टी के समीकरण काफी हद तक निर्भर करते हैं। भाजपा में नेता प्रतिपक्ष के साथ गुलाब सिंह ठाकुर, महेंद्र सिंह, रविंद्र रवि, जयराम ठाकुर, डा. राजीव बिंदल, सरवीण चौधरी, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती और सुरेश भारद्वाज जैसे नेताओं की जीत पर काफी कुछ निर्भर है। इसके अलावा पूर्व मंत्री किशन कपूर और रमेश धवाला वर्तमान विधायकों की जीत भाजपा के लिए अहम रहेगी, ऐसे में जिस भी पार्टी से दिग्गज नेता चुनाव हारते हैं, उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। 

परम्परागत गढ़ पर भी निगाहें
कांग्रेस-भाजपा को अपने परम्परागत गढ़ों से भी काफी उम्मीदें हैं। इसमें कांग्रेस की तरफ से रोहड़ू और रामपुर के साथ ऐसे विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं, जहां से दिग्गज लगातार चुनाव जीत रहे हैं। इसमें सी.पी.एस. और कई विधायक भी शामिल हैं। इन गढ़ों में कांग्रेस की जीत और हार सत्ता पक्ष के समीकरण बिगाड़ सकती है। भाजपा में हमीरपुर और भोरंज के साथ लगातार चुनाव जीतने वाले नेताओं के गढ़ों से जीत विपक्ष की फिर से सत्ता में वापसी का रास्ता प्रशस्त कर सकती है।

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