चुनाव से पहले बिजली बोर्ड कर्मियों के आगे झुकी सरकार, ग्रेड-पे पर दिया यह भरोसा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Sep, 2017 11:12 AM

election from before power board personnel in front of leaning government

बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के आगे आखिरकार सरकार झुक ही गई।

शिमला: बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन के आगे आखिरकार सरकार झुक ही गई। बोर्ड कर्मियों की प्रस्तावित रोष रैली से 1 दिन पहले बोर्ड प्रबंधन ने इन कर्मचारियों को बैठक के लिए बुलाया। बैठक में बोर्ड प्रबंधन अक्तूबर, 2013 की उस अधिसूचना को वापस लेने को राजी हो गया है, जिसमें बोर्ड ने 48 श्रेणी के कर्मचारियों का ग्रेड-पे बढ़ाने की बजाय कम किया है। इस अधिसूचना के कारण बिजली बोर्ड के 22,000 से अधिक कर्मचारियों को आर्थिक नुक्सान हो रहा है। अब बोर्ड कर्मियों को वर्ष 2013 से पुराने वेतनमानों पर बढ़ी हुई ग्रेड-पे देने पर सहमति बनी है। इसे विद्युत कर्मचारियों के लिए बड़ी जीत के तौर पर देखा जा रहा है क्योंकि इन कर्मचारियों को डर सता रहा था कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से आने वाले समय में इन्हें और अधिक नुक्सान उठाना पड़ेगा। ये कर्मचारी 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने से पहले ही पुरानी वेतन विसंगति को दूर करने की मांग पर अड़े थे। 


अलग-अलग विद्युत सर्कलों पर कर चुके हैं प्रदर्शन
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को प्रदेशभर के विद्युत कर्मचारियों ने शिमला में रोष रैली निकालने की चेतावनी दे रखी थी। इससे पहले विद्युत कर्मचारी प्रदेशभर में अलग-अलग विद्युत सर्कलों पर प्रदर्शन कर चुके हैं। यहां बता दें कि कर्मचारी नवनिर्मित विद्युत उपकेंद्रों के लिए 550 सृजित पदों को भरने, दैनिक भोगी को रैगुलर करने, रिक्त पड़े विभिन्न श्रेणी कर्मियों के पदों को भरने, करुणामूलक आधार पर भर्ती के लटके मामलों को जल्द निपटाने और प्रबंध निदेश के पद पर आई.ए.एस. अधिकारी तैनात करने की मांग कर रहे हैं। बैठक में विद्युत बोर्ड के एम.डी. पी.सी. नेगी, निदेशक वित्त राजीव शर्मा और कार्यकारी निदेशक कुमुद सिंह और यूनियन की तरफ से प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा व महासचिव हीरा लाल वर्मा इत्यादि मौजूद रहे।


इसलिए बोर्ड से नाराज हैं कर्मचारी
बोर्ड कर्मचारी मुख्य रूप से ग्रेड-पे को लेकर अक्तूबर, 2013 की अधिसूचना का विरोध कर रहे थे क्योंकि इस अधिसूचना के कारण 48 श्रेणी के विद्युत कर्मचारियों का वेतन बढऩे की बजाय कम हुआ था। कुछ श्रेणियों के कर्मियों का ग्रेड-पे तो 4150 रुपए से गिरकर 2500 रुपए हो गया है। इससे इन कर्मचारियों को वित्तीय हानि हो रही है। यही वजह रही कि प्रदेशभर के विद्युत कर्मचारी लंबे समय से इस विसंगति को दूर करने की मांग कर रहे थे। सैद्धांतिक तौर पर इनकी मांग मान ली गई है लेकिन अभी ग्रेड-पे की पुरानी अधिसूचना को वापस लेना बाकी है। 


रिक्त पद जल्द भरने का आश्वासन
विद्युत बोर्ड कर्मचारी यूनियन के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि बैठक में ग्रेड-पे की पुरानी अधिसूचना वापस लेने व लंबित पड़े करुणामूलक मामलों को प्राथमिकता के आधार जल्द निपटाने पर सहमति बनी है। प्रबंधन ने करुणामूलक आधार पर नौकरी के मामले 2 सप्ताह के भीतर निपटाने व नए विद्युत सब स्टेशनों में स्टाफ के रिक्त पदों को जल्द भरने का भरोसा दिया है। इसके अलावा यूनियन ने आऊटसोर्स कर्मियों के लिए जल्द स्थायी नीति बनाने की भी मांग की गई है। 
 

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