Edited By Punjab Kesari, Updated: 20 Mar, 2018 09:58 AM
हिमाचल में 14 दवाइयों के सैंपल फेल होने पर दवा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग ने 10 फार्मा उद्योगों के उत्पाद (प्रोडक्ट) लाइसैंस को रद्द कर दिया है। इन उद्योगों की 14 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे। विभाग ने इनको पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया...
सोलन (पाल): हिमाचल में 14 दवाइयों के सैंपल फेल होने पर दवा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। विभाग ने 10 फार्मा उद्योगों के उत्पाद (प्रोडक्ट) लाइसैंस को रद्द कर दिया है। इन उद्योगों की 14 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे। विभाग ने इनको पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। मजेदार बात यह है कि एक उद्योग की 3 तथा 2 की 2-2 दवाइयों के सैंपल फेल हुए हैं। उन्होंने इस मामले को गंभीरता से लिया है। ड्रग इंस्पैक्टर ने भी इन दवा उद्योगों का औचक निरीक्षण कर एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही अब इन उद्योगों का भविष्य तय होगा। इसके अलावा फार्मा उद्योगों को बाजार से उन सभी दवाइयों के स्टॉक रिकॉल करने के निर्देश दिए हैं जिनके सैंपल फेल हुए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने हर माह दवाई के फेल हो रहे सैंपल के मामलों का कड़ा संज्ञान लिया है। इसके बाद से ड्रग विभाग भी हरकत में आ गया है। पिछले 2 माह में ड्रग निरीक्षक ने उन सभी फार्मा उद्योगों का निरीक्षण किया है जिनके सैंपल फेल हुए हैं। इन सभी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा खामियों की एक रिपोर्ट तैयार की गई है। यहां विदित रहे कि सी.डी.एस.सी.ओ. द्वारा 9 मार्च को जारी किए गए ड्रग अलर्ट में प्रदेश की 14 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे जबकि देश में कुल 39 दवाइयों के सैंपल फेल हुए थे। इस बार बज्जों व महिलाओं की दवाइयों के कई सैंपल फेल हुए। इसके अलावा टी.बी., मलेरिया, गैस, उल्टी, दर्द, एंटी एलर्जी, पेट संक्रमण, सांस की बीमारी व विटामिन इत्यादि दवाइयों के सैंपल भी फेल हुए हैं। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बी.बी.बी. में 9, पांवटा साहिब व परवाणु की 2 -2 तथा कालाअंब में बन रही एक दवाई के सैंपल फेल हुए थे।
4 सहायक दवाई नियंत्रक किए नियुक्त
प्रदेश सरकार ने फार्मा उद्योग पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सरकार ने दवाइयों के फेल हो रहे सैंपल के मामले को गंभीरता से लिया है। दवाइयों की गुणवत्ता को परखने के लिए 4 सहायक दवा नियंत्रकों की नियुक्ति की गई है। इनमें 2 बद्दी तथा एक-एक नाहन व धर्मशाला में नियुक्त किया गया है। नॉट ऑफ स्टैंडर्ड क्वालिटी की दवाइयों की जांच अब इन सहायक नियंत्रक द्वारा ही की जाएगी। इससे पूर्व प्रदेश में 3 सहायक दवा नियंत्रक मौजूद थे।