Edited By Updated: 22 Jan, 2017 11:01 AM
प्रदेशभर में चिकित्सकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर अब आई.जी.एम.सी. व टांडा के आर.डी.ए. डॉक्टर ने....
शिमला: प्रदेशभर में चिकित्सकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर अब आई.जी.एम.सी. व टांडा के आर.डी.ए. डॉक्टर ने भी मोर्चा खोल दिया है। चिकित्सकों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर प्रदेश सरकार द्वारा कोई ठोस नीति न बनाने और शिकायतों के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई न करने पर आई.जी.एम.सी. रैजीडैंट डाक्टर ने काले बिल्ले लगाकर काम करना व पैन डाऊन स्ट्राइक पर जाने का निर्णय लिया है। आर.डी.ए. ने हिमाचल मैडीकल ऑफिसर एसोसिएशन का समर्थन करते हुए यह निर्णय लिया है कि सोमवार को डॉक्टर सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। ऐसे में डॉक्टरों के सामूहिक अवकाश में जाने के कारण मरीजों को दर-दर भटकने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
ऊना में डा. दलजीत की मौत व बिलासपुर में हड्डी रोग विशेषज्ञ के साथ स्थानीय विधायक द्वारा किए गए दुर्व्यवहार मामले में कोई कार्रवाई न होने पर शनिवार को आई.जी.एम.सी. में आर.डी.ए. की बैठक हुई। बैठक में हड़ताल की आगामी रणनीति भी तैयार की। आगामी रणनीति के बारे में आर.डी.ए. प्रैस सचिव डा. विनीत ने बताया कि आई.जी.एम.सी. के 400 रैजीडैंट डॉक्टर सोमवार को सामूहिक अवकाश पर जाएंगे। इसके बाद 24 जनवरी से लेकर 2 फरवरी तक काले बिल्ले लगाकर रोष प्रकट किया जाएगा। इसके बाद 3 से 12 फरवरी तक 2 घंटे की पैन डाऊन स्ट्राइक की जाएगी। यदि इसके बावजूद भी सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो 24 फरवरी को सभी रैजीडैंट डॉक्टर सामूहिक इस्तीफा देंगे। बैठक में डा. अजय जरियाल, डा. संदीप, डा. दीपिका, डा. विशाल, डा. विशाल व डा. दिग्विजय सहित अन्य रैजीडैंट डॉक्टर मौजूद रहे।