सरकारी आदेशों को ताक पर रखकर डॉक्टर मरीजों को लिख रहे ब्रांडेड दवाइयां

Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Mar, 2018 02:30 PM

doctor presents branded medicines

जिला मंडी के सिविल अस्पताल करसोग में तैनात डॉक्टर सरकार के आदेशों को सरेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। सरकार ने महकमे के जरिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को जैनेरिक दवाइयां लिखने के आदेश डॉक्टरों को दिए गए हैं, लेकिन करसोग अस्पताल में तैनात कुछ डाक्टर सरकार के...

करसोग : जिला मंडी के सिविल अस्पताल करसोग में तैनात डॉक्टर सरकार के आदेशों को सरेआम ठेंगा दिखा रहे हैं। सरकार ने महकमे के जरिए अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को जैनेरिक दवाइयां लिखने के आदेश डॉक्टरों को दिए गए हैं, लेकिन करसोग अस्पताल में तैनात कुछ डाक्टर सरकार के इन आदेशों को नहीं मान रहे हैं। सरकारी आदेशों को ताक पर रख कर डॉक्टर मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां लिख रहे हैं। पर्ची पर डाक्टर द्वारा लिखी गई इन ब्रांडेड दवाइयों को खरीदना मरीजों की मजबूरी बन गई है।

सरकार के जैनरिक दवाइयां लिखने के आदेश
खांसी-जुकाम जैसी बीमारी को लेकर अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को भी डाक्टर ब्रांडेड दवाइयां लिखने से गुरेज नहीं कर रहे हैं। डॉक्टर की लिखी हुई ब्रांडेड दवाइयों के चक्कर में जहां मरीज परेशान हो रहे हैं वहीं ब्रांडेड दवाइयां खरीदने के लिए उन्हें अपनी जेब ढीली करनी पड़ती है, जिसके चलते प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं व नि:शुल्क मिलने वाली दवाइयों के सरकारी दावे की हकीकत भी खुल कर सामने आ गई है। सरकार के जैनरिक दवाइयां लिखने के आदेशों को स्वास्थ्य महकमा करसोग में सही तरीके से लागू नहीं कर पाया है। महकमे की ढील के चलते ही डॉक्टर मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां लिखने पर आमादा हैं। अस्पताल प्रशासन की नाक तले हो रहे इस मामले में किसी भी तरह की कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है। हालांकि कुछ डॉक्टर ऐसे हैं, जो मरीजों को जैनरिक दवाइयां ही लिखते हैं तथा जहां तक संभव हो, मरीजों को अस्पताल में मिलने वाली मुफ्त दवाइयां ही लिखते हैं। जबकि कुछ डॉक्टर ऐसे भी हैं, जो महंगी ब्रांडेड दवाइयां मरीजों को धड़ल्ले से लिख रहे हैं। इसके चलते अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों को अस्पताल से मिलने वाली मुफ्त दवाइयों का लाभ भी पूरी तरह से नहीं मिल पा रहा है।

गर्भवती महिलाओं को भी लिखी जा रहीं ब्रांडेड दवाइयां
प्रदेश में गर्भवती महिलाओं का नि:शुल्क इलाज करवाने का दावा भी करसोग अस्पताल में दम तोड़ता नजर आ रहा है। गर्भवती महिलाओं को ब्रांडेड दवाइयां लिखी जा रही हैं, जिससे साफ जाहिर है कि अस्पताल प्रशासन अस्पताल पहुंचने वाली गर्भवती महिलाओं के हितों को सुरक्षित नहीं रख पा रहा है। अस्पताल में नि:शुल्क मिलने वाली दवाइयां गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल पा रही हैं। मजबूरी में इन महिलाओं को ब्रांडेड दवाइयां ही खरीदनी पड़ती हैं।

अस्पताल में रोगियों के लिए उपलब्ध हैं 88 तरह की दवाइयां
करसोग अस्पताल में इलाज करवाने पहुंच रहे मरीजों के लिए अस्पताल में 88 तरह की दवाइयां उपलब्ध हैं। बाबजूद इसके अस्पताल में तैनात डाक्टर मरीजों को ब्रांडेड दवाइयां लिख रहे हैं। ऐसे में अस्पताल में मिलने वाली नि:शुल्क दवाइयों का लाभ भी मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। कुछ दवाइयां अस्पताल में उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन डाक्टर जैनरिक दवाइयां लिखने की बजाय महंगी ब्रांडेड दवाइयां ही मरीजों को लिख रहे हैं। 

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