Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Feb, 2018 05:20 PM
प्रदेश में108 और 102 नबंर एंबुलेंस की सेवा को लेकर सरकार थोड़ी सख्त हो गई है। दरअसल एंबुलेंस सेवा को लेकर बार-बार आ रही शिकायतों और इसमें पूरी व्यवस्था न होने से स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार खासे नाराज हैं। इसे देखते हुए परमार ने कंपनी से दो...
शिमला(राजीव):प्रदेश में108 और 102 नबंर एंबुलेंस की सेवा को लेकर सरकार थोड़ी सख्त हो गई है। दरअसल एंबुलेंस सेवा को लेकर बार-बार आ रही शिकायतों और इसमें पूरी व्यवस्था न होने से स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार खासे नाराज हैं। इसे देखते हुए परमार ने कंपनी से दो टूक कहा है कि या तो सेवाओं में सुधार लाएं या फिर उनके साथ किए गए एमओयू को रद्द कर दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य मंत्री ने कल शाम को यहां एंबुलेंस सेवा प्रदान करने वाली जीवीके कंपनी के प्रतिनिधियों को बुलाया था। इस दौरान उन्होंने कंपनी से एबुलेंस सेवा को लेकर अपनी नाराजगी जताई और कहा कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसे लेकर उन्होंने कंपनी को चेतावनी जारी की है।
जीवन रक्षक दवाओं को उपलब्ध करवाओ
गौरतलब है कि हो कि स्वास्थ्य मंत्री ने पिछले दिनों 108 और 102 एंबुलेंस का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान इसमें कई खामियां पाई गई थी। इनमें न तो पूरी जीवन रक्षक दवाएं पाई गई और न ही आक्सीजन की व्यवस्था पाई गई। इसके साथ ही स्ट्रैचर की स्थिति भी ठीक नहीं पाई। इसमें सफाई भी ठीक नहीं थी। इसके अलावा 102 में भी फटी हुई सीटें और स्ट्रैचर पाया गया और अन्य कई खामियां सामने आई। एंबुलेंस में सफाई व्यवस्था भी खराब थी। इस अव्यवस्था से स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने एंबुलेंस सेवा चलाने वाली कंपनी जीवीके के अधिकारी बुलाए थे। उनका कहना है कि उन्होंने कंपनी से दो टूक कहा है कि एंबुलेंस में सेवाएं सुधारो और सभी कमियों को दूर करते हुए सभी जीवन रक्षक दवाओं को उपलब्ध करवाओ। यदि कंपनी ने स्थिति नहीं सुधारी तो इनके साथ एमओयू को भी तोड़ा जा सकता है। मरीजों को हर हाल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना सरकार की प्राथमिकता है और उसके लिए हर संंभव कदम उठाए जाएंगे।