सुखराम का खुलासा, बोले-वीरभद्र ब्लैकमेलर नेता, मेरे घर रखवाया पैसा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 20 Oct, 2017 07:34 PM

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दिल्ली में भाजपा ज्वाइन करने के बाद शुक्रवार को मंडी पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री पं. सुखराम ने एक के बाद एक कई खुलासे करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आड़े हाथ लेते हुए षड्यंत्रकारी नेता करार दिया है।

मंडी: दिल्ली में भाजपा ज्वाइन करने के बाद शुक्रवार को मंडी पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री पं. सुखराम ने एक के बाद एक कई खुलासे करते हुए सूबे के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आड़े हाथ लेते हुए षड्यंत्रकारी नेता करार दिया है। पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि पूरे उत्तर भारत में उनके जैसा ब्लैकमेलर नेता कांग्रेस में कोई नहीं है। पं. सुखराम ने कहा कि मुझे और मेरे परिवार को नुक्सान पहुंचाने का वीरभद्र सिंह ने कोई मौका नहीं छोड़ा है। उन्होंने कहा कि ए.आई.सी.सी. के तत्कालीन कोषाध्यक्ष सीता राम केसरी से मिलकर वीरभद्र सिंह ने मेरे घर में पार्टी फंड के पैसे रखवाए थे। यह पैसा कांग्रेस पार्टी का ही था। मैंने जब सीता राम केसरी को कहा कि इस पैसे को जिला कांग्रेस कार्यालय में क्यों नहीं रखा जा रहा है जिस पर सीता राम केसरी का जवाब था कि सुरक्षा के नजरिए से यह पैसा आपके घर में रखा जा रहा है।

मेरे घर के बाहर बिठाया पुलिस का पहरा
बाद में उस वक्त मेरे घर में सी.बी.आई. रेड डलवाई गई जब मैं 15 अगस्त, 1996 को विदेश में था। वापस आया तो एयरपोर्ट से बाहर निकलते ही मुझे सी.बी.आई. ने गिरफ्तार कर लिया। मैं बेल पर छूटा तो वीरभद्र का काम यहीं खत्म नहीं हुआ और मेरे घर के बाहर पुलिस पहरा बैठा दिया। मैंने 1998 में अपनी पार्टी क्या बनाई इससे वीरभद्र बौखला गए और मुझे पार्टी से निकाल दिया और उस दिन से ही मेरे परिवार को अपमानित करना शुरू कर दिया। वीरभद्र की नीयत मेरे परिवार व मेरे बढ़ते कद को देखकर भूखे मारने की थी।

मेरे बेटे को भी फंसाना चाहते थे ये लोग 
उन्होंने एक और खुलासा करते हुए कहा कि केंद्र में रहते एच.डी. देवगौड़ा सरकार में मुझे उन्होंने (देवगौड़ा ने) अपने प्रतिद्वंद्वी नरसिम्हा राव के खिलाफ भी प्रयोग करने का यह कहकर प्रयास किया था कि जो पैसे उनके घर से पकड़े हंै वह मैं नरसिम्हा राव का बता दूं लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया। उस वक्त सी.बी.आई. के डायरैक्टर कर्नाटक कैडर के अधिकारी थे और मुझे तत्कालीन प्रधानमंत्री ने ब्लैकमेल किया कि हमारी पार्टी ज्वाइन कर लो नहीं तो आपके बेटे को भी फंसा दिया जाएगा और मेरे बेटे अनिल पर भी सी.बी.आई. ने असैट्स का केस बना दिया, जिसे बाद में उन्हें खारिज करना पड़ा।

...इसलिए राहुल गांधी की रैली में नहीं गया 
सुखराम ने कहा कि मुझसे पत्रकारों ने पूछा कि वीरभद्र के अलावा कांग्रेस में किसे मुख्यमंत्री देखना चाहते हो, तब मैंने कहा था कि मैं अपने बेटे अनिल शर्मा को मुख्यमंत्री के काबिल समझता हूं। इससे बौखला कर वीरभद्र सिंह ने अनिल शर्मा को कांग्रेस छोडऩे पर मजबूर कर दिया। चुनाव प्रचार समिति से अनिल को हटा दिया। मंडी में हुई राहुल गांधी की रैली में भाग लेने के लिए वह दिल्ली से 10-11 घंटे की यात्रा करके मंडी पहुंचे थे। मगर जब पार्टी प्रभारी सुशील शिंदे से बात की तो बताया गया कि वीरभद्र सिंह कहते हैं कि अगर सुखराम रैली में आया तो मैं रैली का बायकाट कर दूंगा, इसलिए मैं राहुल गांधी की रैली में नहीं गया। सुखराम ने कहा कि उन्होंने कभी भी जातिवाद का सहारा नहीं लिया। यहां तक कि वीरभद्र अपनी पत्नी के हारने का ठीकरा ब्राह्मणवाद पर फोड़ते हैं। मैंने कभी कोई ब्राह्मण सभा नहीं बनाई। 

वीरभद्र हिमाचल को समझते हैं अपनी जागीर
उन्होंने कहा कि महत्वाकांक्षा के लिए उन्होंने गत चुनावों से पूर्व भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बावजूद कांग्रेस पार्टी छोड़ शरद पवार की बनाई राकांपा में जाने की धमकी देकर कांग्रेस हाईकमान को ब्लैकमेल कर प्रदेश की सत्ता हथियाई थी। वीरभद्र सिंह जब से राजनीति में आए हैं वह सत्ता मोह में रहते हैं और आजकल उन्हें पत्नी व पुत्र मोह सता रहा है। वीरभद्र अपने जीते जी अपने बेटे को स्वयं सरकार में रहते डिप्टी सी.एम. बनना देखना चाहते हैं इसलिए मेरे बेटे अनिल को रास्ते का कांटा समझकर पार्टी से बाहर निकालने के हालात पैदा कर दिए। रजवाड़े से संबंधित होने के चलते वह हिमाचल प्रदेश को अपनी जागीर समझते हैं। अब वीरभद्र की तानाशाही को खत्म करना मेरा मकसद है। सत्ता में आकर वीरभद्र अपना दिमागी संतुलन खो जाते हैं और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को हाशिए पर धकेलने का काम करते हैं। 

कौल बताएं मलाई किसने खाई
स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर के बारे में उन्होंने कहा कि उन्हें कांग्रेस में लाने वाले वह ही हैं, क्योंकि कौल के पिताजी ने चुनाव में मेरी मदद की थी। इसका कर्ज मैंने कौल सिंह को कांग्रेस में शामिल करवा कर अदा किया था। अब वह मेरे बेटे को मलाई खाने वाला कह रहे हैं तो वह बताएं कि इतने वर्ष कांग्रेस में मलाई किसने खाई। सुखराम ने कहा कि भाजपा में जाना एक दर्दनाक फैसला था लेकिन इसके अलावा कोई चारा नहीं था मगर अब भाजपा में शामिल हो गया हूं तो स्वच्छ भारत समेत भाजपा में शुद्धिकरण की नीतियों का समर्थन करता हूं। मंडी जिला की 10 में से 10 सीटों पर भाजपा को जिताने में मदद करूंगा। 

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