Edited By Updated: 25 May, 2017 02:57 PM
हिमाचल सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली के लिए बनाए गए डिजिटल कार्ड सवालों के घेरे में हैं।
नाहन (सतीश शर्मा): हिमाचल सरकार द्वारा राशन वितरण प्रणाली के लिए बनाए गए डिजिटल कार्ड सवालों के घेरे में हैं। यह कार्ड लोगों के लिए सुविधा कम और मुसीबत ज्यादा बने हुए हैं। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने राशन कार्ड में ऐसा कारनामा दिखाया है कि हर कोई जानकर हैरान रह जाएगा। इन कार्ड से जहां कुछ लोगों के नाम गायब हैं, वही इन राशन कार्डों में बीपीएल श्रेणी के लोगों को एपीएल में जबकि एपीएल श्रेणी के लोगों को बीपीएल में दर्शाया गया है। विभाग की इस लापरवाही से डिपो होल्डर्स भी परेशानी में है। उनको विभाग के आदेशों पर डिजिटल व मेनुअल दोनों मोड पर काम करने पड़ रहे हैं।
बीजेपी ने सरकार पर साधा निशाना
इस बारे में विपक्षी पार्टी बीजेपी का कहना है कि सरकार ने बिना सोचे समझे डिजिटल कार्ड बनाने का फैसला किया। बेहतर होता कि वह पहले इसके लिए योजना तैयार करती। बीजेपी के वरिष्ठ नेता व नाहन से विधायक राजीव बिंदल ने कहा कि जब से सरकार सत्ता में आई है तब से ही खाद्य एवं आपूर्ति महकमा सवालों में रहा है। आए दिन विभाग अपने फैसले बदलता रहता है।
30 मई तक त्रुटियां सुधारने के निर्देश
इस बारे में खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों ने माना कि इन कार्डो में कई खामियां पाई गई है। जिला खाद्य नियंत्रक अधिकारी पवित्रा पुंडीर ने बताया कि इस बारे में जिला के डिपो होल्डर की तरफ से भी शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि 30 मई तक त्रुटियां दूर करने का समय विभाग द्वारा तय किया गया है। अकेले सिरमौर जिला में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा हजारों डिजिटल कार्ड बनाए गए जिन पर मोटी रकम खर्च हुई है और अब दोबारा इन कार्ड को बनाया जाना है। ऐसे है में सवाल उठता है कि आखिर क्यों विभाग ने पहली योजना पूर्वक काम नहीं किया, उनकी लापरवाही के कारण यहां करोड़ों रुपए की फिजूलखर्ची हुई है। सवाल यह भी कि पूरे मामले के लिए जिम्मेवार कौन? वह भले ही 30 मई तक सभी गलतियां सुधारने का दावा कर रहा हो मगर इसमें अभी लम्बा वक्त लगना तय है।