Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Dec, 2017 09:44 AM
सुजानपुर विधानसभा सीट से हार के बाद प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वे अब सीएम पद की दौड़ में नहीं है। अब फैसला हाईकमान को करना है, जो भी उनका फैसला रहेगा, वही सही है। समीरपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान धूमल ने कहा कि हमीरपुर छोड़ सुजानपुर सीट से...
हमीरपुर: सुजानपुर विधानसभा सीट से हार के बाद प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि वे अब सीएम पद की दौड़ में नहीं है। अब फैसला हाईकमान को करना है, जो भी उनका फैसला रहेगा, वही सही है। समीरपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान धूमल ने कहा कि हमीरपुर छोड़ सुजानपुर सीट से चुनाव लड़वाना हाईकमान का फैसला था। उन्होंने कहा कि हाईकमान को लगा होगा कि शायद सुजानपुर सीट जीतना जरूरी है, इसलिए मुझे वहां से लड़ने को कहा गया। धूमल ने कहा कि उनके मुकाबले जो जीता है, शायद वह उनसे बेहतर होगा। उन्होंने अपनी हार पर कहा कि इसके पीछे कई कारण हैं। जिन पर पार्टी संगठन में मंथन किया जाएगा।
चेले ने गुरु को पटखनी देते हुए किया भारी उलटफेर
हिमाचल में अंत समय तक हॉट रही सुजानपुर सीट पर चेले (राजेंद्र राणा) ने गुरु (प्रेम कुमार धूमल) को पटखनी देते हुए भारी उलटफेर किया है। भाजपा के 2 बार सी.एम. रहे एवं इस बार भी भाजपा के सी.एम. कैंडीडेट प्रो. प्रेम कुमार धूमल को कांग्रेस प्रत्याशी राजेंद्र राणा ने 1919 मतों से पराजित किया है। राणा को 25,288 तथा धूमल को 23,369 मत पड़े। यह दूसरी बार है, जब हिमाचल में दूसरी बार 25 साल बाद हिमाचल में कोई सी.एम. कैंडीडेट हारा है। भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के प्रत्याशी प्रो. प्रेम कुमार धूमल के साथ उनके करीबी नेता भी चुनाव हारे हैं।
पहली बार विधानसभा चुनाव हारे धूमल
धूमल अपने गृह जिला हमीरपुर और साथ लगते ऊना सहित अन्य जिलों में उनके समर्थक चुनाव हार गए हैं। वह पहली बार विधानसभा चुनाव हारे हैं जबकि इससे पहले वह वर्ष, 1996 के लोकसभा चुनाव में रिटायर मेजर जनरल विक्रम सिंह से हार गए थे।धूमल के समर्थकों में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी शामिल हैं। संगठन में उनके नेतृत्व में पार्टी तो चुनाव जीत गई लेकिन वे स्वयं चुनाव हार गए। सत्ती सबसे अधिक समय तक भाजपा के अध्यक्ष रहे हैं लेकिन इस बार वह चुनाव नहीं जीत पाए हैं।