Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Oct, 2017 12:36 AM
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वीरवार को पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को क्षेत्रवाद और जातिवाद के रोग से ग्रसित व्यक्ति करार दिया है।
हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने वीरवार को पत्रकार वार्ता में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को क्षेत्रवाद और जातिवाद के रोग से ग्रसित व्यक्ति करार दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री को क्षेत्रवाद और जातिवाद का आरोप लगाने का रोग लग गया है। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह का सारा राजनीतिक जीवन क्षेत्रवाद और जातिवाद पर आधारित रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पहले सेब उत्पादकों को यह कहकर गुमराह करते रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी सेब उत्पादकों की विरोधी है और अगर सत्ता में आएगी तो उनके हितों को नुक्सान पहुंचाएगी।
जनता जानती है कौन करता है जातिवाद की राजनीति
उन्होंने कहा कि जब 1998 में भाजपा सत्ता में आई तो सेब उत्पादकों के लिए जो काम भाजपा सरकार ने किया उससे सबके भ्रम टूट गए। उन्होंने कहा कि जहां तक जातिवाद की राजनीति की बात है तो इतना ही प्रमाण काफी है कि जब मंडी संसदीय क्षेत्र से मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी सांसद का चुनाव हारीं तो उन्होंने यह कहा था कि मंडी संसदीय क्षेत्र के ब्राह्मणों ने मिलकर उनकी धर्मपत्नी को हरा दिया। इस बयान से उनकी मानसिकता झलकती है और प्रदेश की जनता जानती है कि जातिवाद की राजनीति कौन करता है?
प्रोग्रैस रिपोर्ट के लिए लेना पड़ा दोषारोपण का सहारा
उन्होंने कहा कि इस बार 5 साल सत्ता में रहने के बाद उनको अपनी प्रोग्रैस रिपोर्ट जनता के समक्ष रखने की अपेक्षा दूसरों पर दोषारोपण करने का सहारा लेना पड़ रहा है। यह बड़ी विचित्र बात है। लगता है कि उनको भी महसूस होता होगा। इस कार्यकाल में उन्होंने खोखली घोषणाओं के सिवाय उन्होंने कुछ नहीं किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने शिमला में बैठकर 36-36 शिलान्यास कर दिए और वे भी बिना बजट व बिना प्रावधानों के, इसलिए मुख्यमंत्री जनता का ध्यान भटकाने के लिए निरर्थक बयानबाजी कर रहे हैं।