Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Mar, 2018 09:58 PM
विदेश में जाकर नौकरी करके अपने माता-पिता व अपने लिए उज्ज्वल भविष्य की आस लिए सऊदी अरब गया हरोली के पंजावर गांव का नौजवान राकेश अब इस दुनिया में नहीं रहा।
हरोली: विदेश में जाकर नौकरी करके अपने माता-पिता व अपने लिए उज्ज्वल भविष्य की आस लिए सऊदी अरब गया हरोली के पंजावर गांव का नौजवान राकेश अब इस दुनिया में नहीं रहा। उसके शव को भारत लाने के लिए परिवार आस लगाए बैठा है जबकि विदेश वालों की अभी तक औपचारिकताएं ही पूरी नहीं हुई हैं। पंजावर का 23 वर्षीय राकेश कुमार पुत्र ओम प्रकाश मात्र 2 वर्ष पहले ही आजीविका कमाने की आस में सऊदी अरब के रियात में गया था, जहां पर वह ड्राइवर की नौकरी करता था। राकेश के मामा सतपाल ने बताया कि राकेश 10 मार्च, 2016 को विदेश गया था और 2 वर्ष के बाद उसी 10 तारीख को ही उन्हें विदेश से राकेश के दोस्त का फोन आया कि उसकी मौत हो चुकी है।
किसी भी सरकारी विभाग से मिली कोई सूचना
यह सुनकर उनका पूरा परिवार सकते में आ गया कि आखिर ऐसा क्या हो गया। उन्होंने इसकी सूचना पाते ही आगामी कार्रवाई करते हुए इसके बारे में ऊना के डी.सी, एस.पी., हरोली के एस.डी.एम. सांसद अनुराग ठाकुर व सुषमा स्वराज को मेल करके राकेश के शव को भारत लाने की गुजारिश की। उन्होंने बताया कि उन्हें अभी तक किसी भी सरकारी विभाग द्वारा कोई सूचना नहीं दी गई जबकि सांसद अनुराग ठाकुर व सुषमा स्वराज के कार्यालय द्वारा उन्हें आगामी कार्रवाई की सूचना दी गई है।
चहेते के शव को घर लाने के लिए तरस रहा परिवार
सतपाल ने बताया कि पिछले कई दिनों से राकेश के पिता ओम प्रकाश, माता आशा देवी व बहन बलविन्दर कौर का रो-रो कर बुरा हाल है और वे अपने चहेते के शव को घर लाने के लिए तरस रहे हैं ताकि उसका अंतिम संस्कार किया जा सके। उन्होंने बताया कि विदेश में बैठे राकेश के मित्र जोकि जिला के विभिन्न हिस्सों से संबंधित हैं, वे उन्हें फोन पर जानकारी दे रहे हैं कि अभी तक राकेश से संबंधित कई औपचारिकताएं पूरी नहीं हुई हैं। उन्होंने राकेश के परिजनों को कहा कि वे भारत से ही दबाव बनाएं तभी राकेश के शव को जल्द घर लाया जा सकता है। वहीं राकेश के परिजन दिन-रात आस लगाए बैठे हैं कि कब सरकारों व विभागों की औपचारिकताएं पूरी होंगी और उनके बेटे का शव घर आएगा।