Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Aug, 2017 01:43 AM
राष्ट्रीय उच्च मार्ग कालका-शिमला हाईवे में लोगों को सफर काफी महंगा पड़ सकता है। बरसात के कारण जगह-जगह पहाड़ी से चट्टान दरक रही है।
परवाणु: राष्ट्रीय उच्च मार्ग कालका-शिमला हाईवे में लोगों को सफर काफी महंगा पड़ सकता है। बरसात के कारण जगह-जगह पहाड़ी से चट्टान दरक रही है। हालांकि हाईवे में ट्रैफिक को पहाड़ी से दूसरी लाइन में चलाया जा रहा है लेकिन कुछ स्थान ऐसे हैं जहां पर पहाड़ी से पत्थर सीधे दूसरे लेन तक पहुंच रहे हैं, ऐसे में यहां पर कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मौजूदा समय में परवाणु टी.टी.आर. चौक से सोलन तक फोरलेन निर्माण का कार्य चल रहा है। इसके लिए फोरलेन निर्माता कंपनी ने पहाड़ी की कटिंग की है, जिससे यहां पर काफी समय से चट्टान खिसकने का सिलसिला शुरू हो गया है।
यहां है ज्यादा खतरा
बता दें कि फोरलेन की कटिंग के कारण टी.टी.आर. के समीप, दतयार, चक्की मोड़, जबाली व धर्मपुर से पीछे की पहाड़ी में पत्थर गिर रहे हैं। यहां पर चट्टान को गिरने से रोकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अब सवाल यह है कि क्या फोरलेन निर्माण का कार्य पूरा होने के बाद यहां पर चट्टान गिरने का सिलसिला बंद होगा या फिर ऐसे ही चलता रहेगा। कालका-शिमला हाईवे में परवाणु बाईपास की लाइटों में भी काफी खतरा है। यहां पर भी ऊपर से पहाड़ी खिसक रही है और पत्थर लुढ़क कर नीचे सड़कों तक पहुंच रहे हैं। बता दें कि इस बाईपास में लाइटें भी लगी हुई हैं और यातायात नियमों के तहत सिगनल के लिए वाहनों को रुकना पड़ता है। यदि ऐसे समय में ऊपर से कोई पत्थर गिरता है तो लोगों को इसका खमियाजा भुगतना पड़ सकता है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
कालका-शिमला हाईवे में पहाड़ी से पत्थर गिरने से पहले भी कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें कुछ लोग जान गंवा चुके हैं तो कुछेक लोग गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं। पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण लोगों को कोई नुक्सान न हो और कोई भी वाहन इसकी चपेट में न आए इसके लिए फोरलेन निर्माता कंपनी ने जगह-जगह अपने कर्मचारी तैनात कर दिए हैं जोकि पहाड़ी से पत्थर गिरने की संभावना होने पर वाहन चालकों को सचेत करते रहते हैं, साथ ही ट्रैफिक को भी दूसरी लाइन से चलाया जा रहा है।