Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Jun, 2017 03:37 PM
डलहौजी के सुभाष चौक से सहारनपुर हिंसा का मास्टरमाइंड और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया है।
डलहौजी: डलहौजी के सुभाष चौक से सहारनपुर हिंसा का मास्टरमाइंड और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर को गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जाता है कि यूपी के सहारनपुर में हाल ही में हुई हिंसा को भड़काने में इसी शख्स का हाथ रहा है। गुरुवार सुबह साढ़े 10 बजे सुभाष चौक पर चंद्रशेखर को उस समय पकड़ा गया जब वह टहल रहा था। उसकी गिरफ्तारी यूपी की एसआईटी टीम ने की है। इससे पहले उन्होंने डलहौजी पुलिस को इस बात की सूचना दी थी। 12 हजार के इनामी चंद्रशेखर उर्फ रावण की गिरफ्तारी की पुष्टि डीएसपी डलहौजी सागर चंद ने की है। उन्होंने कहा कि उसकी गिरफ्तारी को लेकर यूपी पुलिस ने थाना डलहौजी से संपर्क किया था, इससे ज्यादा कुछ जानकारी उन्हें नहीं है।
यूपी पुलिस कर रही थी चंद्रशेखर की तलाश
बताया जाता है कि सहारनपुर पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ को भी चंद्रशेखर की तलाश थी। अभी तक पुलिस उसकी लोकेशन पता नहीं कर पा रही थी। वह एक के बाद एक सीरियल अंदाज में अपनी ऑडियो सोशल मीडिया के माध्यम से वायरल कर रहा था। उसकी लगातार बढ़ रही गतिविधियों को देखते हुए डीआईजी ने चंद्रशेखर समेत भीम आर्मी के जिलाध्यक्ष कमल वालिया और भीम आर्मी के ही पदाधिकारी मंजीत और कमल पर भी 12-12 हजार का इनाम घोषित किया था।
कौन है भीम आर्मी और चंद्रशेखर
भीम आर्मी का पूरा नाम 'भारत एकता मिशन' भीम आर्मी है। इस संगठन के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष, अधिवक्ता चंद्रशेखर आजाद हैं। 6 साल पहले दलितों के दमन की वारदातों को ध्यान में रखते हुए भीम आर्मी के गठन का फैसला लिया गया था। खास बात यह है कि इस संगठन में दलित युवकों के साथ-साथ पंजाब और हरियाणा के सिख युवा भी जुड़े हैं। करीब 6 साल पहले जब चंद्रशेखर के पिता अस्पताल में भर्ती थे तो उसने अपने अस्पताल में लोगों से दलित समाज के दमन की बातों को सुना। उस समय वह अमरिका जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते थे, लेकिन दलितों के दमन की बात सुनकर चंद्रशेखर ने अमेरिका जाने का विचार त्याग दिया और 2011 में गांव के कुछ युवाओं के साथ मिलकर भारत एकता मिशन भीम आर्मी का गठन किया।
5 मई को जातीय हिंसा में जला था सहारनपुर
उल्लेखनीय है कि 5 मई को सहारनपुर के बड़गांव थाना क्षेत्र के गांव शब्बीरपुर में दलित और ठाकुरों के बीच जातीय संघर्ष हो गया था। इसके बाद 9 मई को भीम आर्मी एकता मिशन के कार्यकर्ता 5 मई के दंगे में पकड़े गए दलितों की रिहाई की मांग को लेकर शहर के गांधी पार्क में एक सभा आयोजित करने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने इस सभा की अनुमति नहीं दी थी।
हिंसा का 'मास्टरमाइंड' चंद्रशेखर बवाल के बाद से था फरार
बवाल के बाद से मास्टरमाइंड चंद्रशेखर फरार चल रहा था। 23 मई को गांव शब्बीरपुर में बसपा सुप्रीमो मायावती गईं तो उनके वापस लौटने पर बलवाइयों ने एक दलित की हत्या कर दी थी और 7 को गंभीर रूप से घायल कर दिया था।