विवादों में रहे बाबा की अब बढ़ी मुश्किलें, वन विभाग ने उठाया सख्त कदम

Edited By Updated: 13 May, 2017 01:41 PM

controversies stay of baba now increased difficultie department raised by step

श्री रामलोक मंदिर के बाबा अमरदेव की अब मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। वन विभाग ने खालों के मामले में बाबा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करने की तैयारी कर ली है।

सोलन: श्री रामलोक मंदिर के बाबा अमरदेव की अब मुश्किलें बढ़नी शुरू हो गई हैं। वन विभाग ने खालों के मामले में बाबा के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करने की तैयारी कर ली है। रेंज ऑफिसर सोमवार को जिला न्यायवादी के पास यह फाइल लेकर जाएंगे। विभाग ने इससे सम्बन्धित सभी औपचारिकताओं को पूरा कर लिया है। चार्जशीट दायर होते ही बाबा के खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा। राज्य सी.आई.डी. ने खाल वाले मामले में डी.एफ.ओ. सोलन को 2 मई को चार्जशीट सौंप दी थी। इसके साथ निदेशालय वन्य प्रणाली संस्थान देहरादून की रिपोर्ट लगाई गई है। 


मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण सी.आई.डी. पर था भारी दबाव
वन्य प्रणाली अधिनियम के मुताबिक खाल के मामले में पुलिस सीधे नहीं, बल्कि डी.एफ.ओ. के माध्यम से कोर्ट में चार्जशीट पेश करती है। हालांकि यह फाइल विभाग में पिछले 9 दिनों से पड़ी हुई थी। यहां पर विदित रहे कि राज्य सी.आई.डी. की टीम ने 21 अप्रैल, 2016 को निरीक्षक वीरेन्द्र चौहान के नेतृत्व में श्री रामलोक मंदिर में छापा मारकर 4 तेंदुए की खालें बरामद की थीं। इस मामले में मंदिर के संचालक बाबा को हिरासत में लिया था, लेकिन कुछ घंटे हिरासत में बिताने के बाद ही बाबा छूट गए, क्योंकि सी.आर.पी.सी. की धारा 41 उनकी सुरक्षा कवच बन गई। मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण सी.आई.डी. पर भारी दबाव था। अभी यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि महिला पर तेजधार हथियार से हुए हमले और बाबा के साथ मारपीट के कारण श्री रामलोक मंदिर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। 


सरकार से लेकर सरकारी तंत्र पर बाबा को बचाने के लग रहे आरोप
इस मामले में सरकार से लेकर सरकारी तंत्र पर बाबा को बचाने के आरोप लग रहे हैं। सरकार का पूरा अमला इस मामले को अभी शांत करने में ही लगा हुआ था कि इसी बीच एक वर्ष बाद निदेशालय वन्य प्राणी संस्थान देहरादून से तेंदुओं के खालों की रिपोर्ट आ गई है, जिसमें तेंदुए की खालों की पुष्टि हुई है। सी.आई.डी. को 29 अप्रैल को यह रिपोर्ट मिली और 2 मई को चार्जशीट तैयार कर विभाग के डी.एफ.ओ. सोलन को सौंप दी। रिपोर्ट में देरी की वजह सी.आई.डी. द्वारा निदेशालय वन्य प्रणाली संस्थान को समय पर 15 हजार रुपए की फीस जमा न करवाना बताया जा रहा है। 

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