कांग्रेस नहीं उतारेगी उम्मीदवार, निर्विरोध राज्यसभा जाएंगे JP Nadda

Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Mar, 2018 10:49 AM

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हिमाचल कांग्रेस ने राज्यसभा की एक सीट को लेकर होने वाले चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है। कांग्रेस के इस फैसले से केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा का दूसरी बार हिमाचल से राज्यसभा को जाना तय हो गया है।

शिमला: हिमाचल कांग्रेस ने राज्यसभा की एक सीट को लेकर होने वाले चुनाव में प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला लिया है। कांग्रेस के इस फैसले से केंद्रीय मंत्री जे.पी. नड्डा का दूसरी बार हिमाचल से राज्यसभा को जाना तय हो गया है। कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव की पुरानी परंपराओं को देखते हुए केंद्रीय मंत्री के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारने का निर्णय लिया है। विधायक दल की सहमति पर यह फैसला लिया गया है। कांग्रेस का तर्क है पूर्व में भाजपा ने भी विपक्ष में रहते हुए आनंद शर्मा और विप्लव ठाकुर के लिए खिलाफ कोई उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारा था, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ने भी पुरानी परंपराओं को आगे बढ़ाते हुए प्रत्याशी न देने की बात कही है। 

8 मार्च को नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं नड्डा
केंद्रीय मंत्री नड्डा बीते 8 मार्च को हिमाचल से राज्यसभा के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। वह वर्तमान में हिमाचल से राज्यसभा सदस्य हैं और भाजपा ने उन्हें दूसरी बार उम्मीदवार बनाया है। उनका वर्तमान कार्यकाल 2 अप्रैल को पूरा हो रहा है। राज्यसभा की एक सीट को लेकर होने वाले चुनाव के लिए नामांकन पत्र 12 मार्च तक दाखिल किए जा सकते हैं। नामांकन पत्रों की जांच 13 मार्च को होगी जबकि 15 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। हालांकि कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार उतारे जाने की सूरत में 23 मार्च को राज्यसभा के लिए चुनाव होने थे लेकिन अब यह औपचारिकता भर ही है। कांग्रेस द्वारा उम्मीदवार न उतारने से 13 मार्च को ही केंद्रीय मंत्री जे.पी.नड्डा को राज्यसभा सदस्य चुने जाने की औपचारिक घोषणा हो जाएगी। कांग्रेस ने पार्टी हाईकमान को भी इस बारे रिपोर्ट सौंप दी है।

संख्या में भी भाजपा कहीं आगे
हिमाचल प्रदेश विधानसभा में सत्ताधारी भाजपा के पास स्पष्ट ही नहीं बल्कि भारी बहुमत है। 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 44 है जबकि कांग्रेस के मात्र 21 विधायक हैं। इसके अलावा 2 विधायक निर्दलीय तथा 1 विधायक सी.पी.आई.एम. का है। दोनों निर्दलीय विधायकों ने भी अपना समर्थन सत्ताधारी भाजपा को दिया है, ऐसे में यदि कांग्रेस अपना उम्मीदवार भी खड़ा करती तो उसकी हार तय ही है, ऐसे में कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार न देकर समझदार विपक्ष की भूमिका अदा की है।

प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं थे वीरभद्र
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह राज्यसभा के लिए कांग्रेस की तरफ से प्रत्याशी उतारने के पक्ष में नहीं थे। उन्होंने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उनकी व्यक्तिगत राय है कि राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्र्रेस को प्रत्याशी नहीं देना चाहिए, ऐसे में पार्टी ने भी अब इस बारे अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।

क्या बोले कांग्रेस प्रवक्ता
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता संजय सिंह चौहान ने कहा की पूर्व में आनंद शर्मा व विप्लव ठाकुर के चुनावों के समय भी तत्कालीन विपक्ष ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा था, ऐसे में प्रदेश कांग्रेस ने भी राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी न देने का फैसला लिया है।

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