Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Jul, 2017 02:06 AM
पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया के जुबानी हमले पर जहां कांग्रेस पूरी तरह से खामोश है, वहीं पार्टी के अग्रणी संगठन युवा कांग्रेस ने मेजर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
शिमला: पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया के जुबानी हमले पर जहां कांग्रेस पूरी तरह से खामोश है, वहीं पार्टी के अग्रणी संगठन युवा कांग्रेस ने मेजर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हिमाचल प्रदेश पयर्टन बोर्ड के उपाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद मेजर मनकोटिया मुख्यमंत्री के खिलाफ आय दिन जुबानी हमला कर रहे हैं। इतना ही नहीं अब तो सरकार के मंत्री भी उनके निशाने पर आ गए हैं बावजूद इसके कांग्रेस पार्टी मनकोटिया के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई करने से कतरा रही है।
हाईकमान को नहीं भेजी पूरे मामले की रिपोर्ट
आलम यह है कि प्रदेश कांग्रेस ने अभी तक पूरे मामले की रिपोर्ट भी हाईकमान को नहीं भेजी है। देखा जाए तो हाल ही में हिमाचल दौरे पर आई पार्टी प्रभारी अंबिका सोनी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की रिपोर्ट जल्द भेजनेकी बात प्रदेश कांग्रेस को कही थी बावजूद इसके अभी तक संगठन कोई रिपोर्ट तैयार नहीं कर पाया है। ऐसे में अंदरखाते कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उधर, युवा कांग्रेस ने मेजर मनकोटिया द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ की जा रही अपमानजनक बयानबाजी की कड़ी आलोचना करते हुए उन्हें अपनी हद में रहने की सलाह दी है।
सत्ता सुख भोगने के बाद बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे मनकोटिया
युवा कांग्रेस के पदाधिकारी संजय सिंह ठाकुर, यदोपति ठाकुर, अजय कंवर, अजय मौदगिल, आदित्य विक्रम, रणबीर राणा व सुनील शर्मा सहित अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि 4 वर्षों तक मुख्यमंत्री के आशीर्वाद से सत्ता सुख भोगने के बाद आज मनकोटिया बेबुनियाद बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मनकोटिया ने हमेशा ही अपने हित की नेतागिरी की, उन्हें न तो कभी प्रदेश की ङ्क्षचता रही और न ही अपने विधानसभा क्षेत्र शाहपुर की। संभवत: यही कारण है कि उन्हें शाहपुर के लोगों ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। युवा कांग्रेस ने कहा है कि मुख्यमंत्री के खिलाफ गुडिय़ा प्रकरण को लेकर की गई उनकी बयानबाजी दर्शा रही है कि वह विपक्ष के साथ हाथ मिलाने चाहते हंै।
पूर्व सैनिकों की मांग मनवाने में नहीं हुए कभी सफल
युकां नेताओं ने कहा कि मनकोटिया का राजनीतिक सफर चरित्र हनन का ही रहा है। अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसी का भी वह राजनीतिक चरित्र हनन करते रहे हैं। पूर्व सैनिकों पर राजनीति कर राजनीति में आए मनकोटिया ने उन्हें भी धोखा दिया है। पूर्व सैनिकों की कोई भी मांग मनवाने में वह कभी सफल नहीं हुए।