कांग्रेस में बागियों की वापसी के मामले में फंसा पेंच, जानिए वजह

Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Jul, 2017 09:09 AM

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कांग्रेस में बागियों की वापसी का मामला उलझता नजर आ रहा है।

शिमला: कांग्रेस में बागियों की वापसी का मामला उलझता नजर आ रहा है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पैरवी के बाद अनुशासन समिति भले ही बीते मई माह बागियों की वापसी को लेकर अपनी सिफारिश कर चुकी हो लेकिन इस मसले पर संगठन अभी तक कोई भी अंतिम निर्णय नहीं ले पाया है। पार्टी की मानें तो कई बागियों की वापसी को लेकर जिला और ब्लॉक कमेटियों ने पेंच फंसाया हुआ है, जिसके चलते अनुशासन समिति की सिफारिशों पर भी पार्टी अध्यक्ष अपनी मोहर नहीं लगा पा रहे हैं। सूचना के अनुसार कुछ बागियों की संगठन में वापसी किए जाने को लेकर जिला और ब्लॉक कमेटियों ने अभी अपनी सहमति नहीं दी है। ऐसे में यह मामला आगे नहीं बढ़ पा रहा है। सूचना के अनुसार पार्टी से बाहर चल रहे अधिकतर बागियों में वीरभद्र सिंह समर्थक शामिल हैं। कहा यह भी जा रहा है कि कई बागियों की संगठन में वापसी तय नहीं है। 


संगठन से बाहर चल रहे कई चेहरों की दिक्कतें भी बढ़ी
ऐसा होने से संगठन से बाहर चल रहे कई चेहरों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं। हालांकि किन चेहरों की वापसी पर संशय बना हुआ है, इस बारे में संगठन के पदाधिकारी अभी बोलने को तैयार नहीं हैं। चुनावी वर्ष होने के चलते कांग्रेस से निष्कासित चल रहे नेताओं और पदाधिकारियों को संगठन में वापसी की पूरी आस है। इस मसले पर हाल ही में मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष के बीच हुई बैठक में भी चर्चा हुई थी। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने और संगठन विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पाए जाने पर कांग्रेस ने कई नेता और पदाधिकारियों को निष्कासित कर दिया था। वर्तमान में हिमाचल कांग्रेस के करीब 33 नेता और पदाधिकारी संगठन से निलंबित चल रहे हैं। इनमें 4 पूर्व विधायक देहरा से योगराज, घुमारवीं से कश्मीर सिंह, आनी से ईश्वर दास और करसोग से मस्त राम भी शामिल हैं। 


कुछ बागियों की वापसी को लेकर कांग्रेस कमेटियों की सिफारिश नहीं
प्रदेश कांग्रेस के महासचिव एवं मीडिया विभाग के चेयरमैन नरेश चौहान ने संपर्क करने पर बताया कि पार्टी से निष्कासित चल रहे कुछ बागियों की वापसी को लेकर अभी जिला और ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की सिफारिश नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि जिला और ब्लॉक कमेटियों की सहमति मिलने के बाद ही पार्टी अध्यक्ष इस बारे अंतिम निर्णय लेंगे। चौहान ने बताया कि इस मसले पर अनुशासन समिति अपनी सिफारिशें पार्टी अध्यक्ष को दे चुकी है।


जिनके कहने पर हुए निष्कासित, वे कैसे देंगे सहमति
पार्टी से निष्कासित चल रहे बागियों की मानें तो जिन जिला और ब्लॉक कमेटियों की सिफारिशों पर उन्हें संगठन से बाहर किया गया है, वे उनकी वापसी के लिए अपनी सहमति कैसे देंगे। बागियों की मानें तो अनुशासन समिति सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर अपनी सिफारिशें कर चुकी है तो जिला और ब्लॉक कमेटियों का कोई रोल इस मसले पर नहीं रहता है। 

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