Edited By Updated: 06 Dec, 2016 05:22 PM
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझ कर बिलासपुर के कोठीपुरा में प्रस्तावित एम्स का शिलान्यास नहीं कर रही है।
बिलासपुर: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझ कर बिलासपुर के कोठीपुरा में प्रस्तावित एम्स का शिलान्यास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा इसका राजनीतिक श्रेय लेने के लिए इसका शिलान्यास प्रदेश विधानसभा चुनावों के समय करने की मंशा पाले बैठी है।
बिलासपुर जिला के श्री नयनादेवी विधानसभा क्षेत्र के एकदिवसीय दौरे के दौरान नम्होल में पत्रकारों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल द्वारा लगाए गए उस आरोप पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें प्रो. धूमल ने कहा था कि प्रदेश सरकार ने अभी तक प्रस्तावित एम्स के लिए चयनित भूमि की वन भूमि को हस्तांतरण के लिए वन संरक्षण अधिनियम की क्लीयरैंस लेने के लिए नहीं भेजा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चयनित भूमि में से 80 प्रतिशत भूमि स्वास्थ्य विभाग के नाम पर कर दी गई है जबकि शेष 20 प्रतिशत भूमि वन संरक्षण अधिनियम की क्लीयरैंस के लिए केंद्र सरकार को भेज दिया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और यदि केंद्र सरकार चाहे तो इसकी क्लीयरैंस 2 घंटों में मिल सकती है।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है और उनके ऊपर सी.बी.आई., ई.डी. और इनकम टैक्स विभाग के तहत दर्ज केस भी राजनीतिक प्रतिशोध का ही एक हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि यह तीनों एजैंसियां भाजपा के इशारे पर काम कर रही हैं लेकिन उन्हें न्यायालय पर पूरा विश्वास है, वहीं उन्होंने उनके ऊपर चल रहे आय से अधिक संपत्ति मामले के सह आरोपी आनंद चौहान द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय के जज को बदलने की मांग पर सिर्फ इतना ही कहा कि सह आरोपी ने ऐसी मांग की है।
वीरभद्र सिंह ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जमकर प्रहार किए तथा प्रदेश भाजपा को भी जमकर कोसा। नोटबंदी के कारण देश पर पड़े विपरीत असर पर कहा कि काले धन को बाहर निकालने के लिए उठाया गया यह कदम सही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस कदम से देश की जनता को बहुत परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को नोटबंदी लागू करने से पहले व्यापक व्यवस्था करनी चाहिए थी और नई करंसी को बैंकों में पहुंचाना चाहिए था।