CM वीरभद्र सिंह बोले, केंद्र से पास लंबित पड़ी इतने करोड़ की प्रतिपूर्ति राशि

Edited By Updated: 23 Apr, 2017 07:39 PM

cm virbhadra singh said  millions of reimbursement amount pending from center

राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासकीय परिषद की तृतीय बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है....

शिमला (विकास शर्मा): राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासकीय परिषद की तृतीय बैठक में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने केंद्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए पर्याप्त धनराशि उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है ताकि इन योजनाओं का समयबद्ध कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम, त्वरित सिंचाई कार्यक्रम (जो अब प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का हिस्सा है) तथा राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम जैसी कुछ केन्द्रीय प्रायोजित योजनाओं के लिए धन आबंटन में भारी कमी की गई है, जिसके परिणामस्वरूप इस योजना के अंतर्गत जो कार्य चले हुए हंै उन्हें पूरा करने में कठिनाई आ रही है। 

केन्द्रीय सरकार के पास लंबित पड़ी प्रतिपूर्ति राशि 
उन्होंने कहा कि त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के अंतर्गत 105 करोड़ रुपए तथा बाढ़ नियंत्रण कायक्रम के तहत 125 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति राशि केंद्रीय सरकार के पास लंबित पड़ी है। उन्होंने कहा कि राज्य को राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के तहत वर्ष 2013-14 में प्राप्त निधि से गत 3 वर्षों के दौरान 148 करोड़ रुपए की कम राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत जहां 2013-14 में 77.40 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हुई थी, वहीं वर्ष 2016-17 में केवल 52.76 करोड़ रुपए की राशि जारी की गई है। उन्होंने पर्वतीय राज्यों में कृषि क्षेत्र पर अधिक निवेश की आवश्यकता के दृष्टिगत राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत आबंटन में वृद्धि का आग्रह किया। 

कौशल विकास भत्ता योजना से 1,60,000 युवा लाभान्वित
उन्होंने कहा कि राज्य के 12 राजकीय महाविद्यालयों में वर्ष 2017-18 से 1000 विद्यार्थियों के लिये व्यावसायिक शिक्षा में स्नातक पाठ्यक्रम शुरू करने के अलावा अंडर ग्रैजुएट कोर्स के लिए कौशल विकास पाठ्यक्रमों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कौशल योग्यता ढांचे के मापदंडों को पूरा करने के लिए हि.प्र. कौशल विकास निगम ने कौशल प्रशिक्षण के लिए 8 क्षेत्रों में 1080 प्रशिक्षुओं के लिए प्रायोगिक परियोजना आरम्भ की है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने विभिन्न कौशल उन्नयन कार्यक्रमों के अंतर्गत कुछ पात्रता मापदंडों सहित प्रशिक्षुओं को कौशल विकास भत्ता प्रदान करने का कार्यक्रम आरम्भ किया है। योजना के तहत अभी तक एक लाख 60 हजार युवा लाभान्वित हुए हैं। 

खुले में शौचमुक्त का लक्ष्य शत-प्रतिशत हासिल
उन्होंने कहा कि राज्य ने वर्ष 2016 में खुले में शौचमुक्त (ग्रामीण) के शत-प्रतिशत लक्ष्य को हासिल किया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में सफाई तथा स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक तथा माध्यमिक स्कूलों को पुरस्कार प्रदान करने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आर्थिकी के समावेशी तथा स्थायी विकास के लिए 15 वर्ष का विजन, 7 वर्षीय रणनीति तथा 3 वर्षीय कार्य योजना तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि 69 अनुश्रवणीय लक्ष्यों की मदद से सतत् विकास के 17 लक्ष्यों को हासिल किया जाना है। 

परिवार रजिस्टर को डिजिटाइज करने वाला हिमाचल पहला राज्य
उन्होंने कहा कि राज्य ने आधार पंजीकरण में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है तथा अक्तूबर, 2014 में मनरेगा मजदूरों का वेतन आधार के माध्यम से सीधे उनके खाते में जमा करवाने में प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है। परिवार रजिस्टर को डिजिटाइज करने में भी हिमाचल प्रदेश पहला राज्य है और प्रदेश के सभी घरों की सूचना ऑनलाइन प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश स्मार्ट शासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में बेहतर प्रयास कर रहा है। 

जी.एस.टी. के लिए हैल्प डैस्क की स्थापना
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश जी.एस.टी. कानून पास करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और जी.एस.टी. कार्यशालाओं तथा सैमीनारों का आयोजन किया जा रहा है तथा हैल्प डैस्क की स्थापना की जा रही है जो व्यवसायियों की समस्याओं का समाधान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। 

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