Edited By Updated: 25 May, 2017 01:17 AM
पार्वती-कोलडैम-लुधियाना टावर लाइन के नीचे बने घरों में डर के साये में जी रहे लोगों को अब राहत मिलने के आसार बन गए हैं।
बिलासपुर: पार्वती-कोलडैम-लुधियाना टावर लाइन के नीचे बने घरों में डर के साये में जी रहे लोगों को अब राहत मिलने के आसार बन गए हैं। इस टावर लाइन में कुछ ही माह के अंतराल में 2 बार हो चुके धमाकों के बाद अब यह मामला प्रदेश मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के संज्ञान में आ चुका है व उन्होंने धौनकोठी गांव के पास लगे टावरों को आबादी क्षेत्र के पास से हटाने के निर्देश प्रशासनिक स्तर पर दे दिए हैं ताकि इस टावर लाइन की उच्च तापीय क्षमता की तारें ग्रामीणों के घरों के ऊपर से हट जाएं तथा ग्रामीण टावर लाइन की तारों से गुजर रही 400 के.वी. के करंट से घरों को आग लगने व जान जाने के डर से छुटकारा पा सकें।
सदर के विधायक ने मुख्यमंत्री के समक्ष रखा मामला
जानकारी के अनुसार बिलासपुर सदर के विधायक बंबर ठाकुर ने मंगलवार को इस मामले को मुख्यमंत्री समक्ष रखा, जिसमें उन्होनें बताया कि 3 अप्रैल व 19 मई को गांव में इस टावर लाइन की तारों में जोरदार धमाके हुए जिनके चलते गांव के जंगल में आग लग गई थी, वहीं दोनों बार गांव के अनेक घरों को भी नुक्सान पहुंचा। अनेक घरों के मीटर, वायरिंग, बिजली के पंखे व अन्य विद्युत उपकरण जल गए। इतना ही नहीं लोगों की जान को खतरा भी बना हुआ है।
निर्माण में हुआ 6 करोड़ का घोटाला
टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच के संयोजक रजनीश शर्मा ने कहा कि इस टावर लाइन निर्माण में करीब 6 हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। टावर लाइन शोषित जागरूकता मंच लंबे समय से इस टावर लाइन निर्माण की खामियों व अनियमितताओं के बारे में प्रशासन को अवगत करवाता आ रहा है लेकिन उस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। वर्ष 2015 में टावर लाइन निर्माण अनियमितताओं की न्यायिक जांच भी हो चुकी है।
नुक्सान पर तलब होगी प्रशासन से रिपोर्ट
सदर विस क्षेत्र के विधायक ने कहा कि मुख्यमंत्री के समक्ष इस मुद्दे को रखा जिस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए मुख्यमंत्री ने धौनकोठी गांव के ऊपर से गुजर रही टावर लाइन को रिहायशी क्षेत्र से दूर हटाने के निर्देश दे दिए हैं। नुकसान की रिपोर्ट शीघ्र ही प्रशासन से तलब की जाएगी।