Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Mar, 2018 11:15 PM
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि गुडिय़ा प्रकरण हिमाचल के लिए दर्दनाक घटना है। उन्होंने कहा कि गुडिय़ा को अभी न्याय नहीं मिला है।
शिमला: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि गुडिय़ा प्रकरण हिमाचल के लिए दर्दनाक घटना है। उन्होंने कहा कि गुडिय़ा को अभी न्याय नहीं मिला है। सभी को उम्मीदें हैं कि जल्द ही उसके दोषी बेनकाब होंगे। मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग तथा पुलिस अनुसंधान ब्यूरो द्वारा आयोजित 46वीं अखिल भारतीय पुलिस साइंस कांग्रेस की अध्यक्षता करते हुए बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने वनरक्षक होशियार सिंह केस का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल की टूरिज्म इंडस्ट्री को नशे के कारोबार से खतरा है, ऐसे में यह इंडस्ट्री नशे के कारोबार से प्रभावित न हो, इसके लिए उचित कदम उठाने की आवश्यकता है।
युवा पीढ़ी में नशाखोरी की लत चिंता का विषय
उन्होंने कहा कि राज्य में उत्कृष्ट कानून व्यवस्था सुनिश्चित करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि विशेषकर युवा पीढ़ी में नशाखोरी की लत चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की आपूर्ति पर रोक लगाने के लिए भांग व अफीम आदि की अवैध फसलों को नष्ट करना रणनीति का मुख्य हिस्सा होना चाहिए। इसके उपरांत मुख्यमंत्री ने विभिन्न जांच व पुलिस सहायता उपकरणों पर लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
आपराधिक सोच वाले नई-नई तकनीक का कर रहे उपयोग
मुख्यमंत्री ने कहा तकनीकी के मामले में हम बेशक काफी आगे बढ़े हैं लेकिन आपराधिक सोच रखने वाले भी अब नई-नई तकनीक का बहुत बड़े स्तर पर उपयोग कर रहे हैं। ये हमारे लिए बहुत बड़ी चुनौती है। भले ही वह पकड़े भी जा रहे हैं। बावजूद इसके हमारी पुलिस को तकनीक के मामले में उनसे आगे होना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराधी किसी सूरत में न बचे, यह सुनिश्चित करना होगा तथा इसके लिए उचित कदम उठाने होंगे।
सूचना-प्रौद्योगिकी की जानकारी होना आवश्यक
सी.एम. ने कहा कि आजकल क्रिप्टो अथवा वर्चुअल करंसी का प्रयोग हो रहा है और कानून लागू करने वाली एजैंसियों को इसे पूरी तरह से समझना होगा तथा अपराधों में इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक रूप से तंत्र विकसित करना होगा।