Edited By Updated: 03 Dec, 2016 02:02 AM
किसी भी नगर में नगर परिषद कार्यालय सबसे अहम माना जाता है क्योंकि नगर के विकास, रखरखाव, निर्माण कार्यों व सफाई आदि हर कार्य की व्यवस्था का जिम्मा पूरी तरह से नगर परिषद का होता है....
डल्हौजी: किसी भी नगर में नगर परिषद कार्यालय सबसे अहम माना जाता है क्योंकि नगर के विकास, रखरखाव, निर्माण कार्यों व सफाई आदि हर कार्य की व्यवस्था का जिम्मा पूरी तरह से नगर परिषद का होता है, ऐसे में अगर यही कार्यालय आॢथक तंगी का शिकार हो जाए तो नगर का विकास पूरी तरह रुक सा जाता है। कुछ ऐसी ही हालत नगर परिषद डल्हौजी की हो गई है। इसका एक मुख्य कारण नगर परिषद की लाखों रुपए की हाऊस टैक्स रकम बकाया पड़ी हुई है।
जानकारी के अनुसार नगर परिषद डल्हौजी में कुल 1,233 हाऊस टैक्स धारक हैं, जिनमें से अधिकांश तो समय अनुसार अपने हाऊस टैक्स का भुगतान कर रहे हैं लेकिन कई ऐसे हैं जो इसे दबाए बैठे हैं। हाऊस टैक्स की बकाया राशि 72 लाख 18 हजार 317 रुपए है। इसके अलावा म्यूनिसिपल रैंट के तौर पर करीब 85 लाख रुपए की रकम परिषद के किरायदारों पर बकाया है। नगर परिषद के अधिशासी अधिकारी ने बताया कि बकाया हाऊस टैक्स धारक डिफाल्टरों की संख्या 106 है जिन्हें लीगल नोटिस भेजे जा रहे हैं और उसके बाद कोर्ट केस किए जाएंगे। उनके अनुसार इस मसले पर करीब 20 डिफाल्टरों के खिलाफ पहले से ही माननीय अदालत में मामले विचाराधीन हैं।
बता दें कि डिफाल्टरों की सूची में कई सरकारी कार्यालय भी शामिल हैं जिनकी तरफ 11 लाख 98 हजार 984 रुपए हाऊस टैक्स का बकाया निकल रहा है। इसके बारे में यहां के कुछ प्रबुद्ध नागरिकों बलराज खन्ना, विकास कुमार, बसंत कुमार व योगेश गंभीर आदि का कहना है कि नगर परिषद की आय के साधन बहुत ही सीमित हैं, ऐसे में अगर उनके माध्यम से आने वाला पैसा भी पूरा नहीं मिल पाए तो नगर का विकास कैसे हो पाएगा।