Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Dec, 2017 01:46 PM
तकनीकी विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों पर लगाए गए मोबाइल जैमर अब बीते जमाने की बात बन चुके हैं। भावी इंजीनियरों ने अब इसका तोड़ निकालते हुए नकल करने के लिए हाईटैक तरीका अपनाते हुए 4जी का सहारा लिया है जिस पर मोबाइल जैमर...
हमीरपुर: तकनीकी विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षाओं में परीक्षा केंद्रों पर लगाए गए मोबाइल जैमर अब बीते जमाने की बात बन चुके हैं। भावी इंजीनियरों ने अब इसका तोड़ निकालते हुए नकल करने के लिए हाईटैक तरीका अपनाते हुए 4जी का सहारा लिया है जिस पर मोबाइल जैमर बिल्कुल भी काम नहीं करता। मोबाइल जैमर मोबाइल की नैटवर्किंग को ब्लॉक कर देता है लेकिन 4जी टैक्नीक वाले मोबाइल में ये जैमर काम नहीं करते। इन दिनों आयोजित परीक्षाओं में अब परीक्षार्थी इसी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
चीटिंग करने व रोकने के लिए छिड़ी जंग
गौरतलब है कि हि.प्र. तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा प्रदेश के सरकारी व निजी क्षेत्र में इंजीनियरिंग के 32 कालेजों में 28 नवम्बर से 22 दिसम्बर तक परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं जिनमें अब तक विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर वि.वि. के उडऩदस्तों ने करीब दर्जन भर मामले नकल के पकड़े हैं। इन परीक्षाओं में तकनीकी बच्चों व अध्यापकों के बीच चीटिंग करने व उसे रोकने के लिए जंग छिड़ गई है। इंजीनियर के विद्यार्थी अपने तकनीकी ज्ञान का उपयोग करके परीक्षाओं में नकल करने के अलग-अलग उपाय इजाद कर रहे हैं, वहीं उनके अध्यापक भी उसी तकनीक को खत्म करने के तरीके निकाल कर बच्चों के लिए नकल करने की इस जंग को और मुश्किल कर रहे हैं। हालांकि नकल के हाईटैक तरीके इजाद होने के बावजूद अधिकतर मामलों में पर्ची को अलग-अलग जगह पर छिपाकर उसे पेपर में इस्तेमाल करने का चलन ज्यादा है। इसके अलावा मोबाइल फोन या फिर ब्लूटुथ डिवाइस को परीक्षा में पास होने व अच्छे अंक लाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
प्रत्येक परीक्षा केंद्र में लगाए हैं कैमरे, 4 उड़नदस्ते भी तैनात
हालांकि इसके लिए विश्वविद्यालय ने हरेक परीक्षा केंद्र में कैमरों का प्रावधान किया है जिनका कंट्रोल सीधा हमीरपुर के मेन कैंपस में है जिससे यहां पर परीक्षा केंद्रों में पूरी नजर रखी जाती है। इसके अलावा हर परीक्षा केंद्र में जैमर भी लगाए गए हैं जोकि 12 मीटर के फासले में हरेक मोबाइल फोन को नाकाम कर देंगे जो फोन पर निर्भर बच्चों के लिए एक करारा जवाब है। इसके अलावा विश्वविद्यालय ने हरेक परीक्षा केंद्र में अपनी तरफ से भी एक समीक्षक का चयन किया है जो परीक्षा केंद्र में होने वाली सारी गतिविधियों पर नजर रखेगा। इसके साथ ही 4 उड़नदस्ते भी तैनात किए गए हैं जो किसी भी वक्त किसी भी परीक्षा केंद्र में जाकर निरीक्षण कर सकते हैं।