Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Aug, 2017 12:11 AM
सोमवार दोपहर बाद शिव के गुरों ने पवित्र मणिमहेश डल में उतर कर पवित्र स्नान का शुभारंभ कर दिया तो वहीं श्री दशनाम अखाड़ा की छड़ी ने भी सोमवार को मणिमहेश पहुंचकर डल में डुबकी लगाई।
चम्बा : सोमवार दोपहर बाद शिव के गुरों ने पवित्र मणिमहेश डल में उतर कर पवित्र स्नान का शुभारंभ कर दिया तो वहीं श्री दशनाम अखाड़ा की छड़ी ने भी सोमवार को मणिमहेश पहुंचकर डल में डुबकी लगाई। ज्यों ही शिव के गुरों ने डल झील में उतर कर उसे पार किया तो इस मौके पर डल के चारों तरफ खड़े श्रद्धालुओं ने जोर-जोर से शिव के जयकारे लगाकर पूरे क्षेत्र को गुंजायमान कर दिया। हर तरफ से शिव के जयकारे शुरू हो गए। देखते ही देखते एक के बाद एक श्रद्धालु डल में डुबकी लगाने लगे। ए.डी.एम. भरमौर विनय धीमान ने बताया कि इस पावन मौके पर 60 हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र डल में डुबकी लगाई। उन्होंने कहा कि यह पावन स्नान मंगलवार दोपहर तक जारी रहेगा। गौरतलब है कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को यह पवित्र यात्रा आधिकारिक रूप से शुरू हो जाती है और राधाष्टमी के स्नान के साथ यह समाप्त हो जाती है। अबकी बार इस पावन यात्रा पर श्रद्धालुओं की संख्या रिकार्ड तोड़ रही है।
सभी शिव के जयकारों के बीच खून को जमा देने वाले डल के बर्फीले पानी में उतर गए
प्रशासन की मानें तो अबकी बार पूरी यात्रा के दौरान करीब 5 लाख श्रद्धालुओं ने मणिमहेश कैलाश के दर्शनों के साथ-साथ डल में डुबकी लगाई। उस समय दृश्य अपने आप में अलौकिक करने वाला था जब भरमौर से गए शिव के गुरों ने मणिमहेश पहुंचकर स्नान के शुभ मुहूर्त का कुछ देर के लिए इंतजार किया और जैसे ही पवित्र डल को पार करने की घड़ी आई तो वे सभी शिव के जयकारों के बीच खून को जमा देने वाले डल के बर्फीले पानी में उतर गए। जब तक ये शिव के गुर एक छोर से दूसरे छोर तक नहीं पहुंचे तब तक डल के चारों तरफ हाथ जोड़े खड़े श्रद्धालु शिव के जयकारों से कैलाश को गुंजायमान करते रहे। इस दृश्य को जिस किसी ने भी देखा उसने खुद को धन्य व सौभाग्यशाली बताया। इस मौके पर देश के विभिन्न अखाड़ों से आए महंत व साधुओं ने भी भोले के जयकारों के बीच पवित्र डल झील में स्नान कर अपनी यात्रा को संपूर्ण किया।