Edited By Updated: 19 Jan, 2017 12:50 AM
शहरी विकास आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने धर्मशाला के योल कैंट बोर्ड को भंग करने को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
धर्मशाला: शहरी विकास आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने धर्मशाला के योल कैंट बोर्ड को भंग करने को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। कैंट बोर्ड के तहत आने वाला सिविल क्षेत्र धर्मशाला नगर निगम में सम्मिलित होगा और योल अब केवल मिलिटरी स्टेशन होगा। सुधीर शर्मा ने कहा कि योल कैंट बोर्ड भारत का पहला कैंट बोर्ड है, जिसे जनता की सुविधा एवं मांग के मद्देनजर भंग करने की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासों एवं प्रभावी तरीके से केंद्र के समक्ष अपनी बात रखने के कारण ही यह संभव हो सका है। भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने कैंट बोर्ड डी-नोटिफ ाई करने से पूर्व इसके अंतर्गत आने वाली परिसंपत्तियों का अधिग्रहण और जिम्मेदारी प्रदेश सरकार द्वारा वहन करने को कहा था, जिसे लेकर हिमाचल सरकार पहले ही हामी भर चुकी है।
8 भवनों और भूमि की कीमत अदा कर होगा अधिग्रहण
सुधीर शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने योल कैंट बोर्ड के मौजूदा स्टाफ की जिम्मेदारी कैंट द्वारा चलाए जा रहे 5 स्कूलों, वोकेशनल ट्रेनिंग सैंटर, दिव्यांग बच्चों के केंद्र और 20 बिस्तरों के अस्पताल को भवनों और भूमि की कीमत अदा करके अधिगृहीत करना स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि कैंट बोर्ड के डी-नोटिफि केशन के बाद प्रदेश सरकार के विभाग अपने-अपने विभाग से संबंधित संपत्तियों का अधिग्रहण करेंगे। कैंट बोर्ड के भंग होने और सिविल क्षेत्र के नगर निगम में मिलने से इस क्षेत्र के लोगों को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विभिन्न सुविधाओं का लाभ मिलेगा।