पंचायतों में गौसदनों की मुहिम धराशायी, न बजट मिला, न भूमि का प्रबंध

Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Jun, 2017 01:41 AM

campaign of cow house in panchayats dashed  no budget  no land

करीब 2 साल पहले प्रत्येक पंचायत में गौसदन बनाने की मुहिम का आगाज हुआ जो अब लगभग असफल साबित हुई है।

हमीरपुर: करीब 2 साल पहले प्रत्येक पंचायत में गौसदन बनाने की मुहिम का आगाज हुआ जो अब लगभग असफल साबित हुई है। जिला हमीरपुर की ही करीब 59 पंचायतों में गौसदन निर्माण के लिए भूमि नसीब नहीं हो पाई और जहां जमीन मिली भी है, वहां बजट न मिलने से निर्माण कार्य खटाई में पड़ गए हैं, ऐसे में पंचायत क्षेत्रों में हर साल बेसहारा पशुओं की संख्या तो बढ़ती जा रही है मगर उन्हें आश्रय देने की मुहिम लटकी हुई है। पंचायतों में बेसहारा पशुओं की स्थिति की बात की जाए तो उनकी स्थिति काफी दयनीय बनी हुई है। एक ओर सड़कों पर जानवर सड़क दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं तो दूसरी ओर उनके स्वास्थ्य की स्थिति भी गंभीर बनी हुई है। खाने के लिए उन्हें उचित आहार नहीं है और न ही छत नसीब हो रही है। 

वर्ष 2015 में हाईकोर्ट ने दिए थे गौसदन खोलने के निर्देश
बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या और किसानों की फसलों को हो रहे नुक्सान पर हाईकोर्ट ने भी इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए वर्ष 2015 में फैसला लेते हुए प्रत्येक पंचायत में गौसदन खोलने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे, जिस पर काम भी शुरू हुआ मगर बजट की मार तथा अन्य खामियों के चलते ये प्रयास सिरे नहीं चढ़ पाए। किसान अब भी पहले की ही तरह परेशान हैं तथा इस समस्या से निजात पाने के लिए सरकार की ओर देख रहे हैं।

इन विभागों को सौंपा गया है गौसदनों का जिम्मा
हाईकोर्ट द्वारा पशुओं की देखरेख क ा कार्यभार लगभग सभी सरकारी विभागों को सौंप दिया गया है। इसमें गौशालाओं को बनाने का जिम्मा पंचायतों का है तो इन पशुओं के  स्वास्थ्य की जांच का जिम्मा पशुपालन विभाग का है। पानी का प्रबंध सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग, बिजली व्यवस्था का जिम्मा विद्युत विभाग तथा यातायात के प्रबंध का जिम्मा पी.डब्ल्यू.डी. विभाग को सौंपा गया है।

14वें वित्तायोग में सरकार देगी फंड
हमीरपुर जिले में कुल 229 पंचायतें हैं, जिनमें से 170 पंचायतों में गौशालाओं के लिए भूमि उपलब्ध हो गई है। गौशाला बनाने के लिए प्रत्येक पंचायत को सरकार की तरफ से 14 से 15 लाख रुपए की धनराशि की लागत क ा अनुमान लगाया गया है। मिली जानकारी के अनुसार जब हाईकोर्ट से आदेश मिले थे तब 13वां वित्तायोग लागू था। उस समय गौशाला बनाने के लिए फंड पंचायतों और नगर निकायों से मिलना था परंतु अब 14वां वित्तायोग लागू होने से सरकार से ही सीधे फंड मिलना है परंतु फंड प्राप्त न होने से गौशालाओं के काम को पूरा करने मे परेशानी आ रही है। 

इन पंचायतों को मिला फंड
हमीरपुर जिले में अब तक 3 पंचायतों गारली, धंगोटा और सठवीं के लिए 14 लाख 90 हजार के हिसाब से कुछ समय पहले ही फंड आया है।

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