Edited By Punjab Kesari, Updated: 21 Aug, 2017 09:40 AM
हिमाचल पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच की नजरें अब 22 अगस्त को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक पर टिक गई हैं।
शिमला: हिमाचल पीटीए शिक्षक संघर्ष मंच की नजरें अब 22 अगस्त को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक पर टिक गई हैं। इस बैठक में इनकी मांगों पर फैसला लिया जा सकता है। मंच ने 5500 अनुबंध पीटीए अध्यापकों को सशर्त नियमितीकरण एवं 1369 लैफ्ट आऊट को पैट और पैरा शिक्षकों की तर्ज पर रैगुलर के समकक्ष लाभ का बहुप्रतीक्षित निर्णय लेकर हजारों शिक्षकों के हित को सुरक्षित करने की मांल भी की है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष पंकज कुमार, महिला प्रकोष्ठ की राज्य अध्यक्ष छवि सूद, उपाध्यक्ष दिनेश पटियाल, महासचिव राजपूत संजीव ठाकुर, मुख्य सलाहकार नरेंद्र शर्मा, कोषाध्यक्ष रविकांत शर्मा, संयोजक कासिम खान, सह सचिव अमित शर्मा, पवन लखनपाल और धर्मपाल गोरा का कहना है कि सरकार चुनावी वर्ष में अनुबंध पीटीए अध्यापकों के हित में यह महत्वपूर्ण कदम उठाती है तो सरकार का यह निर्णय चुनावों में गेम चेंजर हो सकता है।
22 अगस्त की कैबिनेट मीटिंग में टिकीं शिक्षकों की नजरें
मंच के पदाधिकारियों ने कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि हमसे किए गए वायदे के अनुसार सरकार 22 अगस्त की कैबिनेट मीटिंग में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए शिक्षकों को पिछले डेढ़ दशक के शोषण से मुक्ति दिलवाएगी और संघर्ष मंच की पिछले 3 सालों से चली आ रही मांग को पूरा करेगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस सरकार ने वायदा किया था कि सत्ता में आने पर पी.टी.ए. को नियमित किया जाएगा लेकिन इस वर्ग को अभी तक राहत के नाम पर कुछ भी हासिल नहीं हो पाया है। संघर्ष मंच के पदाधिकारियों ने कहा है कि वे 12 साल की सेवाओं के बाद भी अपने भविष्य को लेकर भारी मानसिक दबाव एवं जिंदगी के सबसे कठिनतम दौर से गुजर रहे हैं। शिक्षकों ने सरकार से उम्मीद जताई है कि इस पर वह जनहित में जल्द ही उचित निर्णय लेगी।
सरकार को याद दिलाया वायदा
संघर्ष मंच ने सरकार से मांग की है कि वह संघर्ष मंच द्वारा पिछले 3 साल से लगातार उठाई जा रही मांग को पूरा करते हुए 5500 अनुबंध पी.टी.ए. अध्यापकों को अगस्त, 2013 में विधानसभा के किए गए ऐलान के अनुसार, जिसमें सरकार की तरफ से कहा गया था कि पी.टी.ए. अध्यापकों को डेढ़ वर्ष के अनुबंध के बाद नियमित किया जाएगा, रेट्रोस्पैक्टरी नियम के तहत पिछली सेवाओं को मद्देनजर रखते हुए जल्द सशर्त नियमित करके अपने वायदे को निभाए।