विधानसभा में 37,939 करोड़ रुपए का बजट ध्वनि मत से पारित

Edited By Updated: 31 Mar, 2017 01:25 AM

budget of rs 37 939 crores passed in the assembly

हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया।

शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में वीरवार को आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट ध्वनि मत से पारित हो गया। बजट पारित करने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को विनियोग विधेयक को सदन में प्रस्तुत किया। मतदान के बाद विधेयक को ध्वनि मत से पारित किया गया। विधेयक के पारित होने से सरकार को राज्य की संचित निधि से 37,939 करोड़ की रकम खर्च करने का अधिकार मिल गया है। मुख्यमंत्री ने बीते 10 मार्च को सदन में बजट प्रस्तुत किया था। उस समय यह बजट 35,783 करोड़ का था। इसके बाद इसमें कई ऐसे सुझाव शामिल किए गए जिससे बजट में 2 हजार करोड़ का इजाफा हो गया है। 

मांगों पर चर्चा के बाद कमेटियों को भेजा बजट
बजट पर पहले मांगों पर चर्चा हुई तथा इसके बाद बजट को कमेटियों को भेजा गया। विधानसभा की कमेटियों द्वारा बजट के अध्ययन के बाद सदन में कटौती प्रस्तावों पर चर्चा हुई। वीरवार को करीब 4 बजे विधानसभा अध्यक्ष बी.बी.एल. बुटेल ने गिलोटिन लागू किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने सदन में विनियोग विधेयक प्रस्तुत किया। विशेष है कि गिलोटिन लागू होने के बाद विनियोग विधेयक के अलावा कोई दूसरा बिजनैस सदन में नहीं होता। 

राष्ट्रीय वार्षिक योजना के लिए 5,700 करोड़ 
वर्ष 2016-17 के संशोधित अनुमानों के अनुसार राजस्व घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 0.75 प्रतिशत तथा वित्तीय घाटा 4.23 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में राजस्व घाटा 0.73 प्रतिशत तथा वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 प्रतिशत रहने की संभावना है। वर्ष 2017-18 में राष्ट्रीय वार्षिक योजना के लिए 5,700 करोड़ रुपए की राशि प्रस्तावित की है जो 2016-17 की वार्षिक योजना से 500 करोड़ रुपए अधिक है। 5,700 करोड़ रुपए के परिव्यय में से 1,436 करोड़ रुपए की राशि अनुसूचित जाति योजना, 513 करोड़ रुपए की राशि जन जातीय उप योजना तथा 70 करोड़ रुपए की राशि पिछड़ा क्षेत्र उप योजना के लिए प्रस्तावित है। 

सरकार के पूंजी खाते में 6,164 करोड़ 
इसके साथ ही राजस्व प्राप्तियां 27,714 करोड़ रुपए तथा कुल राजस्व व्यय 28,755 करोड़ रुपए अनुमानित है जिससे 1,041 करोड़ का राजस्व घाटा होगा। सरकार के पूंजी खाते में 6,164 करोड़ रुपए तथा लोक लेखा में भविष्य निधि इत्यादि में 1,200 करोड़ रुपए की प्राप्तियां अनुमानित हैं। ऋण की अदायगी सहित कुल पूंजी व्यय 7,028 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है। वर्ष 2017-18 में वित्तीय घाटा 4,946 करोड़ रुपए रहने का अनुमान है।

वेतन पर 9,628 करोड़ रुपए व्यय अनुमानित 
बजट अनुमानों के अनुसार वेतन पर अनुमानित व्यय 9,628 करोड़ रुपए, पैंशन पर 4,950 करोड़ रुपए, ब्याज अदायगी पर अनुमानित व्यय 3,500 करोड़ रुपए, ऋणों की वापसी पर 3,105 करोड़ रुपए, अन्य ऋणों पर 448 करोड़ रुपए एवं रख-रखाव पर 2,311 करोड़ रुपए का व्यय अनुमानित है।

38,568 करोड़ रुपए का ऋण 
हिमाचल प्रदेश पर 31 मार्च, 2016 को 38,568 करोड़ रुपए का ऋण का बोझ था तथा वर्ष 2017-18 में 3,500 करोड़ रुपए की राशि ब्याज को चुकाने में खर्च करेंगे। नए वेतन संशोधन के अंतर्गत वेतन एवं पैंशन के व्यय में वृद्धि होगी। ऋ ण चुकता करने तथा प्रतिबद्ध दायित्वों के निर्वहन के पश्चात सरकार के पास पूंजीगत व्यय हेतु काफी कम धन राशि बचती है।

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