जर्मनी में फंसे आंचल ठाकुर के भाई, ईरान ने वीजा देने से किया इंकार

Edited By Punjab Kesari, Updated: 15 Jan, 2018 10:52 AM

brother of anchal thakur stranded in germany iran refuses to give visa

देश के लिए स्कीइंग में अंतर्राष्ट्रीय पदक दिलाने वाली मनाली की आंचल ठाकुर के भाई साहसिक खेल के जुनून में शनिवार को सात समुंदर पार जर्मनी में देश के लिए एक बड़ी दुविधा में फंस गए हैं।

मंडी: देश के लिए स्कीइंग में अंतर्राष्ट्रीय पदक दिलाने वाली मनाली की आंचल ठाकुर के भाई साहसिक खेल के जुनून में शनिवार को सात समुंदर पार जर्मनी में देश के लिए एक बड़ी दुविधा में फंस गए हैं। उनकी राह में ईरान रोड़ा बन गया है और उनकी आखिरी उड़ान में वीजा देने से मुकर गया। जानकारी के मुताबिक 15 जनवरी को हिमांशु ठाकुर को ईरान पहुंचना है जहां उनकी विंटर ओलिंपिक के लिए आखिरी क्वालीफाइंग रेस है लेकिन ईरान ने ऐन मौके पर हिमांशु को वीजा देने से इंकार कर दिया है, जिससे वह ईरान को अपनी उड़ान नहीं भर पाए।

हिमांशु ने ट्विटर पर पी.एम. व सुषमा स्वराज से लगाई गुहार
शनिवार रात को स्कीअर हिमांशु ने अपने ट्विटर अकाऊंट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और खेल मंत्री राठौर से मामले में हस्ताक्षेप की गुहार लगाई लेकिन रविवार को अवकाश के चलते उनके ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इसके बाद जब मामला प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष उठाया गया तो वहां से ईरानी दूतावास में यह मामला उठाया गया। रविवार देर शाम तक कोई जबाव न आने पर सांसद अनुराग ठाकुर ने ईरानी दूतावास सहित विदेश मंत्रालय में इस मामले को उठाया लेकिन कोई हल नहीं निकला। हिमांशु ठाकुर 2 दिन से जर्मनी में वीजा के इंतजार में बैठे हैं लेकिन कोई उसकी सुनवाई नहीं कर रहा। हिमांशु ठाकुर और उसकी बहन आंचल ठाकुर सोशल मीडिया सहित भारत सरकार के संपर्क में हैं लेकिन देर शाम तक कोई हल नहीं निकल पाया।

मैडल मिलने की उम्मीद होने लगी धूमिल
बता दें कि देश के लिए स्कीइंग में अंतर्राष्ट्रीय पदक दिलाने वाली मनाली की आंचल ठाकुर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश की कई गण्यमान्य हस्तियां बधाई दे चुकी हंै लेकिन अब उनके भाई के मुसीबत में फंसे होने की सूरत में तत्काल कार्रवाई नहीं हुई है जिससे देश को विंटर ओलिंपिक्स में मैडल मिलने की उम्मीद धूमिल सी प्रतीत होने लगी है क्योंकि 15 जनवरी को स्कीअर हिमांशु ठाकुर को ईरान पहुंचना है और वहां 16 को उनकी आखिरी क्वालीफाइंग रेस है जिसके बाद वह विंटर ओलिंपिक्स में भाग ले सकते हैं।

पी.एम. मोदी के गुरु रह चुके हैं हिमांशु के पिता
बता दें कि हिमांशु ठाकुर आर्थिकी तंगी के बावजूद देश के लिए स्की जैसे साहसिक खेल में अपनी प्रतिभा के बूते विदेशों में जाकर विंटर ओलिंपिक्स की तैयारी कर रहे हैं। आंचल के पिता रोशन ठाकुर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पैराग्लाइडिंग सिखा चुके हैं। वर्ष 1997 में मोदी बतौर भाजपा प्रभारी जब हिमाचल में आए थे तब वे मनाली की सोलंग वैली भी गए थे। उस दौरान रोशन ठाकुर द्वारा चलाए जाने वाले इंस्टीच्यूट से ही मोदी ने पैराग्लाइडिंग सीखी थी और इसका लुत्फ  भी उठाया था। बता दें कि आंचल के पिता रोशन ठाकुर अभी विंटर गेम्स फैडरेशन ऑफ  इंडिया के महासचिव हैं। 

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