Edited By Updated: 19 Jan, 2017 08:35 PM
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को धर्मशाला को हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी घोषित किया है।
धर्मशाला (ब्यूरो): मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने वीरवार को धर्मशाला को हिमाचल प्रदेश की दूसरी राजधानी घोषित किया है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला का अपना अलग महत्व तथा इतिहास है और यह प्रदेश की दूसरी राजधानी बनने के लिए उपयुक्त स्थल है। हिमाचल प्रदेश के निचले क्षेत्रों, जिसमें कांगड़ा, चम्बा, हमीरपुर तथा ऊना जिले भी शामिल हैं, के लिए धर्मशाला का विशेष महत्व है। इन क्षेत्रों के लोग इस विशेष दर्जे से लाभान्वित होंगे तथा उन्हें अपने कार्यों के लिए शिमला तक लम्बा सफर तय नहीं करना पड़ेगा। धर्मशाला न केवल भारत बल्कि विश्व में धार्मिक, प्राकृतिक तथा साहसिक पर्यटन सहित अनेक कारणों से प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि धर्मशाला धर्मगुरु दलाईलामा का निवास स्थान भी है तथा विश्वभर से लोग यहां आते हैं।
12 शीतकालीन विधानसभा सत्रों का गवाह है धर्मशाला
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि दिसम्बर, 2005 में शिमला से बाहर हिमाचल प्रदेश विधानसभा का पूर्ण शीतकालीन सत्र आयोजित किया गया था। तपोवन में पहले ही विधानसभा भवन कार्य कर रहा है, जिसकी आधारशिला उन्होंने अपने पूर्व शासनकाल के दौरान वर्ष 2006 में रखी थी। यह शहर पहले ही हिमाचल प्रदेश विधानसभा के 12 शीतकालीन विधानसभा सत्रों को आयोजित करने का गवाह है। उन्होंने ही वर्ष 1994 में लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निवारण करने तथा क्षेत्र में विकास कार्यों की प्रगति को देखने के लिए वार्षिक शीतकालीन प्रवास की प्रथा आरंभ की थी।