Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Feb, 2018 02:50 PM
अब पंचायतों में सिफारिशबाजों का बी.पी.एल. सूची में टिक पाना मुश्किल है। बी.पी.एल. लाभ के दायरे में लेते रहे पंचायत प्रतिनिधियों को हाल में इस मामले में लागू की गई छंटनी प्रक्रिया के चलते अब किसी भी प्रकार की हेराफेरी करना आसान नहीं रह गया है।
घुमारवीं: अब पंचायतों में सिफारिशबाजों का बी.पी.एल. सूची में टिक पाना मुश्किल है। बी.पी.एल. लाभ के दायरे में लेते रहे पंचायत प्रतिनिधियों को हाल में इस मामले में लागू की गई छंटनी प्रक्रिया के चलते अब किसी भी प्रकार की हेराफेरी करना आसान नहीं रह गया है। अपात्र लोगों को काटे जाने का काम सिर्फ पंचायत की ग्राम सभा ही अकेले नहीं करेगी बल्कि इसके लिए तय कमेटी का रोल भी अहम होगा। जिला ग्रामीण विकास अधिकारी ने आज यहां बताया कि जिले भर की तमाम पंचायतों में जिन लोगों को बी.पी.एल. की सूची में डाला गया है, उन सब की पात्रता को परखने के लिए पूरे प्रदेश में राज्य सरकार एक अभियान चला रही है।
उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत 13 फरवरी तक पंचायतों में बी.पी.एल. परिवारों के चयन पर आपत्तियां मांगी गई हैं। उन्होंने बताया कि बिलासपुर जिले में भी शिकायतें लेने की आज तारीख पूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि इस बार की छंटनी प्रक्रिया को बेहद बारीक किया गया है। ऐसे में जो भी गलत चयन हुआ होगा, वह भी बच नहीं सकता। उन्होंने कहा कि इस बार शिकायतों को ग्रामीण स्तर पर पंचायत सचिव, रोजगार सेवक और पटवारी आदि कर्मियों की एक जांच कमेटी अलग से बनाई गई है। यह कमेटी गांव में मौके पर बी.पी.एल. सूची वाले लोगों के घरों में सर्वे फार्म लेकर जाएगी। इन फार्मों को मौके पर मौजूद पात्र द्वारा दिखाए गए लोगों की ओर से प्रयोग की जा रहीं सुविधाओं का लेखा-जोखा तैयार होगा।
इस लेखे-जोखे में सूची में दर्ज परिवार की भी आपत्तियां दर्ज की जाएंगी ताकि किसी के साथ अन्याय न हो। जांच कमेटी में शामिल कर्मियों की से ओर से दी जाने वाली रिपोर्ट को बाद में ग्राम सभाओं के पटल पर रखा जाएगा। वहां भी लोगों से आपत्तियां ली जाएंगी कि कौन किस आधार पर पात्र है और कौन नहीं। जब सभी की सहमति हो जाएगी तो उसके बाद ही जाकर संशोधित सूची जारी होगी। अधिकारी ने आगे बताया कि इस बार की अन्वेषण कमेटी में अपात्र लोगों के सूची में आने का कोई चांस नहीं लग रहा है। यह भी प्रावधान किया गया कि कमेटी में शामिल कर्मी अगर कोई गलत चयन करते हैं या इस तरह से कुछ गलत सहयोग या अनुशंसा करता है तो फिर विभाग ऐसे कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई करेगा।