Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Feb, 2018 09:16 PM
हिमाचल की जयराम सरकार द्वारा बनाए गए एडिशनल और डिप्टी जनरल की नियुक्तियों में धांधली के आरोप लगने शुरू हो गए हैं।
शिमला: हिमाचल की जयराम सरकार द्वारा बनाए गए एडिशनल और डिप्टी जनरल की नियुक्तियों में धांधली के आरोप लगने शुरू हो गए हैं। पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट के नियमों को ताक पर रख कर नियुक्तियां करने के आरोप लगाए हैं। इसको लेकर विनय शर्मा ने सी.आई.डी. को पत्र लिखकर जांच की मांग की है। विनय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के अनुसार इस बार एडिशनल और डिप्टी एडवोकेट जनरल के पद भरे जाने थे, जिसके लिए अखबार में विज्ञापन द्वारा पदों के लिए 1 फरवरी तक एप्लीकेशन्स मंगवाई गईं। लगभग 712 वकीलों ने 21 एडिशनल, 13 डिप्टी और तीन असिस्टैंट एडवोकेट जनरल ने फॉर्म भरे। 5 से 9 फरवरी तक उनकी इंटरैक्शन हुई और 20 फरवरी को रिजल्ट निकाला गया।
कभी कोर्ट नहीं गए तो उनके पास केस कहां से आए
एप्लीकेशन मंगवाने से पहले सरकार द्वारा एक लिस्ट निकाली गई थी, उसमें 25 एडिशनल और डिप्टी एडवोकेट जनरल थे। जो फाइनल लिस्ट निकली उसमें भी वही नाम थे। मतलब साफ है कि इन लोगों को पहले ही सिलैक्ट कर लिया गया था उसके बाद विज्ञापन निकाला गया जो सिर्फ धोखा था। विज्ञापन के अनुसार एडिशनल अधिवक्ता जनरल के लिए 3 साल में कम से कम 75, डिप्टी के लिए 50 और असिस्टैंट एडवोकेट जनरल के लिए 35 केस का अनुभव जरूरी था। सिलैक्ट किए गए बहुत से लोग तो कभी कोर्ट गए नहीं फिर उनके पास केस कहां से आ गए। इसका मतलब झूठे हलफनामे पर उनकी नियुक्ति हुई।
डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे चयन कमेटी के मैंबर
विज्ञापन के अनुसार एडवोकेट जनरल, सैक्रेटरी होम और सैक्रेटरी लॉ की कमेटी ने सिलैक्शन करनी थी लेकिन सैक्रेटरी होम की जगह डिप्टी एडवोकेट जनरल इस कमेटी के मैंबर रहे जो नियमों के अनुसार गलत था क्योंकि डिप्टी एडवोकेट जनरल अपने से बड़ी पोस्ट एडिशनल एडवोकेट जनरल के चयन के लिए समर्थ नहीं था। इस भर्ती प्रक्रिया के नियम के अनुसार पुराना अनुभव रखने वालों को अधिमान दिया जाना था लेकिन एडिशनल एडवोकेट जनरल लगाए गए कम से कम 12 लोगों के पास ऐसा अनुभव नहीं था और बाहर किए गए 4 लोगों के पास पुराना अनुभव और नंबर ऑफ केसिज भी कहीं ज्यादा थे।
2000 कम केस का अनुभव रखने वाले हुए नियुक्त
विनय ने कहा की वे खुद डिप्टी एडवोकेट जनरल रहे और लगभग 14,000 केसिज की लिस्ट सौंपी पर मुझे न रखकर नए और मेरे से 2000 कम केस का अनुभव रखने वाले रख लिए गए। जाहिर सी बात है इसमें भरपूर धांधली, हेराफेरी और भाई-भतीजावाद हुआ है। इसकी जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही हो।