Edited By Updated: 18 Apr, 2017 08:47 AM
नगर निगम शिमला में मतदाता सूचियों को लेकर बवाल मच गया है।
शिमला: नगर निगम शिमला में मतदाता सूचियों को लेकर बवाल मच गया है। भाजपा के बाद कांग्रेस और माकपा ने भी मतदाता सूचियों में सामने आई खामियों को लेकर मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है। हैरानी इस बात की है कि नगर निगम के मौजूदा डिप्टी मेयर टिकेंद्र सिंह पंवर, 5 पार्षदों व पूर्व विधायक चिंरजीव लाल कश्यप तक के नाम मतदाता सूची से गायब हैं। इस मुद्दे को लेकर भाजपा ने सोमवार को राज्य चुनाव आयोग व जिला निर्वाचन अधिकारी (डी.सी.) के कार्यालय में दस्तक दी और अपनी आपत्तियों से अवगत करवाया।
बिना लोगों को परेशान किए दुरुस्त करो मतदाता सूची
भाजपा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक सुरेश भारद्वाज के नेतृत्व में भाजपा पहले राज्य चुनाव आयुक्त पी. मित्रा के कार्यालय में पहुंची और मतदाता सूचियों को समय रहते दुरुस्त करने की मांग की, साथ ही स्पष्ट किया कि मतदाता सूचियों को दुरुस्त न करने पर भाजपा राज्य चुनाव आयुक्त को बर्खास्त करने की मांग करेगी। उनका कहना था कि वोटर लिस्ट में बड़े पैमाने पर खामियां हंै जिसके चलते एक वार्ड के सैंकड़ों मतदाता दूसरे वार्ड में दर्शाए गए हैं। उन्होंने कहा कि जिला निर्वाचन अधिकारी के माध्यम से बी.एल.ओ. को आदेश जारी किए जाएं कि मतदाता सूची को बिना लोगों को परेशान किए दुरुस्त किया जाए। इसी तरह अनाडेल में एक बूथ बिजली बोर्ड लिमिटेड के कार्यालय में 3 किलोमीटर दूर बनाया गया है जिससे मतदाताओं को परेशानी होगी। पार्टी ने नगर निगम चुनाव के लिए विधानसभा चुनाव में प्रयोग की गई मतदाता सूची को आधार बनाने की मांग की।
कांग्रेस व वामपंथी दल ने खड़ी की परेशानी
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष गणेश दत्त का आरोप था कि कांग्रेस व वामपंथी दल आपस में मिले हुए हैं जिस कारण सुनियोजित तरीके से इस तरह की परेशानी खड़ी की जा रही है। उन्होंने दोनों दलों पर अंदरखाते हाथ मिलाने का आरोप भी लगाया। उनके साथ प्रदेश कोषाध्यक्ष कपिल देव सूद व मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा सहित अन्य नेता इस अवसर पर मौजूद थे। जिला निर्वाचन अधिकारी (डी.सी.) को भी भाजपा ने मतदाता सूचियों में अनियमितताओं को लेकर घेरा। प्रदेश सचिव त्रिलोक जम्वाल व जिलाध्यक्ष संजय सूद सहित कई नेताओं ने मिलकर अपना पक्ष रखा तथा मतदाता सूचियों को शीघ्र दुरुस्त करने की मांग की।
4 मई तक फाइनल होगी मतदाता सूची
मतदाता सूची में सामने आई खामियों को राज्य चुनाव आयुक्त ने दुरुस्त करने का आश्वासन दिया है। इससे पहले मतदाता सूची प्रकाशन गत 11 अप्रैल को किया गया था। इसके बाद 12 से 21 अप्रैल तक आपत्तियों को दर्ज करवाया जा सकता है। उसके बाद निश्चित प्रक्रिया के तहत 4 मई तक मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया जाएगा।
मतदाता सूची को लेकर पार्षद करेंगे आवाज बुलंद
मतदाता सूची में भारी गड़बड़ी का मामला नगर निगम सदन में भी गर्मा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई मतदाता सूची में वोटरों का बड़ा हेरफेर है। हर वार्ड की वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम गायब हैं जिससे पार्षदों की परेशानी बढ़ गई है। मंगलवार को होने वाले नगर निगम सदन में भी बड़ा हंगामा हो सकता है।