सत्ता में आते ही BJP विधायक सुखराम चौधरी के बदले सुर, जानिए क्या कहा?

Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Mar, 2018 10:53 AM

bjp came back to power instead of sukhram chaudhary

सत्ता में आते ही पांवटा विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक सुखराम चौधरी के सुर और तेवर बदल चुके है। अब सुखराम चौधरी के सामने पार्टी पदाधिकारियों की आवाज भी फीकी पड़ने लगी है। सत्तासीन विधायक को अपने चेहते लोगो को छोड़कर अब पार्टी के पदाधिकारी भी बोने...

पांवटा साहिब(सतीश): सत्ता में आते ही पांवटा विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक सुखराम चौधरी के सुर और तेवर बदल चुके है। अब सुखराम चौधरी के सामने पार्टी पदाधिकारियों की आवाज भी फीकी पड़ने लगी है। सत्तासीन विधायक को अपने चेहते लोगो को छोड़कर अब पार्टी के पदाधिकारी भी बोने दिखने लगे है। सत्ता का नशा इतना की विधायक अब मंडल अध्यक्ष की जनहित की बाते भी पचा नहीं पा रहे है। कुछ इसी तरह मंजर पांवटा साहिब में अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों की एक बैठक के दौरान देखने को मिला।

पार्टी पदाधिकारी काम करवाने के लिए शॉर्टकट नहीं मार पाएगा
जानकारी के मुताबिक सुखराम चौधरी जनसमस्याएं सुनने बीडीओ कार्यालय पहुंचे थे। जनसमस्याएं सुनने से साथ साथ उसके समाधान के लिए भी सम्बंधित अधिकारीयों को निर्देश दिए जा रहे थे। इस दौरान बीजेपी मंडल अध्यक्ष देवेंदर चौधरी ने अधिकारीयों को जनहित से जुड़े एक मामले को ध्यानार्थ लाना चहा तो ये बात विधायक को रास नहीं आयी और विधायक ने हेंकड़ी भरे लहजे में  मंडल अध्यक्ष को चुप करा दिया । इस मामले को लेकर अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों के सामने विधायक व मंडल अध्यक्ष की तीखी नोक झोंक भी हुई। इस पूरे प्रकरण के बाद से पांवटा बीजेपी मंडल व विधायक के बीच तालमेल की कमी तो उजागर हुई है। इसके साथ ही विधायक ने इशारो इशारो में साफ कर दिया की अब पांच साल उनकी चलेगी। कोई भी पार्टी पदाधिकारी काम करवाने के लिए शॉर्टकट नहीं मार पाएगा। जिसको काम करवाने होंगे वे विधायक के माध्यम से ही होंगे।

सुखराम ने मंडल अध्यक्ष की आवाज को ही दबा दिया
बताया जा रहा है की बिजली लाइन से सम्बन्धी एक मामले अधिकारीयों ने लोगों को एक सप्ताह के भीतर समाधान का आश्वासन दिया था लेकिन एक महीना बीत जाने के बाद भी अधिकारीयों ने वह काम नहीं करवाया। जिसके चलते मंडल अध्यक्ष ने बैठक के दौरान यह मामला गरमाया और अधिकारियों को जनहित के काम प्राथमिकता के साथ करने को कहा था। जिस पर विधायक सुखराम ने मंडल अध्यक्ष की आवाज को ही दबा दिया। मंडल अध्यक्ष का कहना है की अधिकारियों को समय-समय पर काम याद दिलवाने का कार्य वे कर रहे थे.जबकि विधायक ने गोल मोल जवाब देते हुए है कि मंडल अध्यक्ष को सम्बंधित काम के बारे में पुख्ता जानकारी ही नहीं थी इसलिए उन्हें चुप रहने को कहा गया।

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