भोरंज में भाजपा और कांग्रेस को सता रहा भितरघात का डर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Dec, 2017 11:46 AM

bhoranj in bjp and congress to be persecuted fear of bhitrgat

भाजपा की धूमल सरकार में 2 बार शिक्षा मंत्री रहे और लगातार भोरंज विस क्षेत्र से 6 विस चुनाव जीत चुके स्व. ईश्वर दास धीमान के निधन के बाद अप्रैल में हुए भोरंज उपचुनाव में स्व. धीमान के बेटे डा. अनिल धीमान को भाजपा से टिकट मिला और डा. अनिल धीमान करीब...

हमीरपुर: भाजपा की धूमल सरकार में 2 बार शिक्षा मंत्री रहे और लगातार भोरंज विस क्षेत्र से 6 विस चुनाव जीत चुके स्व. ईश्वर दास धीमान के निधन के बाद अप्रैल में हुए भोरंज उपचुनाव में स्व. धीमान के बेटे डा. अनिल धीमान को भाजपा से टिकट मिला और डा. अनिल धीमान करीब साढ़े 8,000 वोटों से जीत गए। यानी गुरु जी (स्व. ईश्वर दास धीमान) के परिवार के सदस्य को लगातार 7वीं बार भाजपा ने टिकट दिया। भाजपा लगातार 7 चुनाव जीत भी गई लेकिन इस बार आम विस चुनावों में भाजपा हाईकमान ने गुरु जी के परिवार का टिकट काट दिया और एक दलित महिला को प्रत्याशी बनाया। ऐसे में चुनावों के समय अचानक धीमान परिवार का टिकट कटने से भोरंज भाजपा मंडल के पदाधिकारी भी हैरान रह गए और चुनाव प्रचार से अपने हाथ पीछे खींच लिए। 


कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी भितरघात होने की संभावना से घबराए हुए 
उधर, कांग्रेस में भी ऐसी ही स्थिति बनी हुई थी। 6 माह पहले कांग्रेस ने भोरंज उपचुनाव में जिस महिला नेत्री प्रोमिला देवी को मैदान में उतारा था, उसका टिकट काट दिया और नए प्रत्याशी के रूप में सुरेश कुमार को टिकट थमा दिया। वहीं कांग्रेस में टिकट के दावेदारों में जिला सब्जी मंडी के अध्यक्ष प्रेम कौशल और पूर्व में उपचुनाव में प्रत्याशी रही प्रोमिला देवी चुनावी रण से बाहर हो गए। ऐसे में जिला हमीरपुर की आरक्षित भोरंज-36 विधानसभा में इस बार आम विस चुनावों से पहले कांग्रेस-भाजपा के टिकट आबंटन में एक के बाद एक चौंकाने वाले फैसले हुए जिससे अब चुनाव प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद और मतदान होने के बाद कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी भितरघात होने की संभावना से घबराए हुए हैं। 


भोरंज विस क्षेत्र में इस बार जिला में हुआ सबसे कम मतदान
भोरंज विस क्षेत्र में इस बार जिला में सबसे कम मतदान हुआ है। जहां पूरे जिला हमीरपुर में करीब 70 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं भोरंज विस क्षेत्र में सिर्फ 65 प्रतिशत मतदान हुआ है जिससे प्रत्याशियों की सांसें फूली हुई हैं। उधर, भोरंज विस क्षेत्र में कुल 75,689 वोटर हैं जिनमें 37,178 पुरुष और 38,511 महिला मतदाता हैं जोकि हार-जीत का फैसला करेंगे। वहीं भोरंज विस क्षेत्र में कुल 5 प्रत्याशी मैदान में हैं लेकिन मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच में ही है। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी नई है और वह भोरंज विस क्षेत्र से नहीं बल्कि हमीरपुर विस क्षेत्र से संबंध रखती है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी दूसरी बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है। अब ऐसे में भोरंज विस क्षेत्र से कौन जीतता है इसका फैसला तो 18 दिसंबर को होगा लेकिन कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी दोनों ही अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। 


महिलाओं के ज्यादा मतदान का फायदा भाजपा को मिलेगा: कमलेश
भाजपा प्रत्याशी कमलेश कुमारी का कहना है कि पहली बार भाजपा ने भोरंज विस क्षेत्र में एक दलित महिला को टिकट दिया है और भोरंज विस क्षेत्र भाजपा की अजेय सीट है। उन्होंने कहा कि भोरंज विस क्षेत्र में मतदान कम हुआ है लेकिन महिलाओं ने ज्यादा मतदान किया है जिसका लाभ भाजपा को मिलेगा। उन्होंने दावा किया कि भाजपा करीब 9,000 मतों से सीट जीतेगी। उधर, कांग्रेस प्रत्याशी सुरेश कुमार का कहना है कि भाजपा की इस बार हार निश्चित है तथा कांग्रेस भोरंज सीट को करीब 3,000 मतों से जीतेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के नेतृत्व में प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी और भोरंज विस क्षेत्र से कांग्रेस का विधायक होगा। 

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