Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Dec, 2017 09:20 AM
18 दिसंबर को होने वाली काऊंटिंग के वक्त ऑब्जर्वर के अलावा केवल रिटर्निंग ऑफिसर को ही मोबाइल मतगणना हाल के भीतर ले जाने की अनुमति होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग ने निर्वाचन विभाग को निर्देश दिए हैं कि इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसफर किए गए बैलेट पेपर की गणना से...
शिमला: 18 दिसंबर को होने वाली काऊंटिंग के वक्त ऑब्जर्वर के अलावा केवल रिटर्निंग ऑफिसर को ही मोबाइल मतगणना हाल के भीतर ले जाने की अनुमति होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग ने निर्वाचन विभाग को निर्देश दिए हैं कि इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसफर किए गए बैलेट पेपर की गणना से पहले वन टाइम पासवर्ड यानी ओ.टी.पी. देखने के लिए इन्हें मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति दी गई है। इनके मोबाइल पहले ही इलैक्ट्रॉनिकली ट्रांसमिटिड पोस्टल बैलेट पेपर सिस्टम (ई.टी.पी.बी.एस.) से लिंक कर रखे हैं। ओ.टी.पी. देखने के तुरंत बाद आर.ओ. अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ करके ऑब्जर्वर को देंगे। यहां तक कि संबंधित विधानसभा क्षेत्र का प्रत्याशी भी मोबाइल फोन के साथ मतगणना हाल में नहीं जाने दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि चुनाव विभाग ने पहली बार ई.टी.पी.बी.एस. से 37 हजार से ज्यादा सर्विस बैलेट पेपर कर्मचारियों को भेजे हैं। ये बैलेट पेपर केवल उन्हीं कर्मचारियों को दिए गए हैं, जिनकी ड्यूटी चुनाव में लगी हुई थी। बीते 9 नवम्बर को इन कर्मचारियों ने अपने ई-मेल से ओ.टी.पी. डालकर सर्विस बैलेट को डाऊनलोड किया। इसके बाद पोस्टल के माध्यम से संबंधित विधानसभा क्षेत्र के आर.ओ. को बैलेट पेपर भेजा है। चुनाव विभाग ने सभी आर.ओ. को निर्देश दे रखे हैं कि ई.वी.एम. में मतों की गणना से पहले सभी सर्विस वोट की गिनती की जाए। सभी विधानसभा क्षेत्र में अलग-अलग पोस्टल बैलेट की गणना की जाएगी। इसकी गिनती तभी संभव होगी जब आर.ओ. संबंधित कमी के बैलेट पेपर का ओ.टी.पी. डालेगा। आर.ओ. के फोन पर ओ.टी.पी. तभी आएगा जब ई.टी.पी.बी.एस. एप्लीकेशन मतगणना वाले दिन ओपन की जाएगी।
इसके बाद ओ.टी.पी. को स्कैनर के माध्यम से स्कैन किया जाएगा। इसमें ये पता लगाया जाएगा किजिस कर्मचारी को ई.टी.पी.बी.एस. से बैलेट पेपर दिया गया था, क्या ये वोट उसी ने दिया है या किसी अन्य असामाजिक तत्व ने शरारत तो नहीं की? वैरीफिकेशन में सही पाए जाने के बाद ही बैलेट पेपर की गणना की जाएगी। मुख्य चुनाव अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने शनिवार को सभी उपायुक्त कम जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ वीडियो-कांफ्रैंसिंग की। इस दौरान उन्होंने केंद्रीय चुनाव आयोग के निर्देशों की जानकारी सभी जिलाधीशों को दी। उन्होंने सभी जिलाधीशों को मतगणना में किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मतगणना के वक्त वैब कॉस्टिंग करने, वीडियो रिकार्डिंग करने और मतगणना केंद्र के बाहर व भीतर लगे सभी सी.सी.टी.वी. कैमरे दुरुस्त रखने के निर्देश दिए हैं। प्रदेश में 48 जगह पर 68 विधानसभा क्षेत्रों के मतों की गणना की जाएगी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दावा किया मतगणना से संबंधित सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस कार्य के लिए 2,820 मतगणना कर्मचारी तैनात किए गए हैं। इनमें मतगणना सुपरवाइजर, मतगणना सहायक तथा माइक्रो आब्जर्वर शामिल हैं। मतगणना के लिए 781 मतगणना टेबलों तथा 68 निर्वाचन अधिकारी टेबलों की व्यवस्था की गई है।
वैब कॉस्टिंग का किया गया ट्रायल
चुनाव विभाग ने शनिवार को ज्यादातर मतगणना केंद्रों पर वैब कॉस्टिंग और सी.सी.टी.वी. कैमरों का ट्रायल किया है। इस दौरान देखा गया कि क्या सभी सी.सी.टी.वी. कैमरे वर्किंग हैं या इनमें कोई खराबी तो नहीं है? इसी तरह चुनाव विभाग ने ट्रायल के दौरान वैब कॉस्टिंग भी की है। चुनाव विभाग इस ट्रायल को सफल बता रहा है।