Edited By Updated: 21 Feb, 2017 03:55 PM
ताजा बर्फबारी के साथ हिमस्खलन की घटनाओं ने जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में खौफ पैदा कर दिया है।
उदयपुर: ताजा बर्फबारी के साथ हिमस्खलन की घटनाओं ने जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में खौफ पैदा कर दिया है। बर्फबारी के साथ हिमखंड दरकने की घटनाएं बढ़ रही हैं। सोमवार को हिमस्खलन ने कई स्थानों पर तांडव मचाया, जिसके खतरे ने सरकारी एजैंसियों की दिक्कतें और ज्यादा बढ़ा दी हैं। जिला में हाल ही में खुले कई सड़क मार्गों को हिमस्खलन ने फिर से बंद कर दिया है, जिससे बी.आर.ओ. सहित पी.डब्ल्यू.डी. की परेशानियां कम होने की अपेक्षा और अधिक बढ़ गई हैं। बर्फीले रेगिस्तान में अस्त-व्यस्त जनजीवन को पटरी पर लाने का प्रयास कर रहीं सरकारी एजैंसियों को नए सिरे से कसरत करनी होगी।
बर्फबारी का दौर रुक-रुक कर सोमवार को भी जारी रहा
जिला में रविवार की रात से शुरू हुआ बर्फबारी का दौर रुक-रुक कर सोमवार को भी जारी रहा। इस दौरान जिला मुख्यालय केलांग में 4 इंच, उदयपुर में 5 इंच तथा स्पीति के मुख्यालय काजा में हालांकि 3 इंच ताजा हिमपात दर्ज किया गया है, लेकिन फरवरी माह की पानी मिश्रित बर्फबारी ने कई स्थानों पर कहर बरपाना आरंभ कर दिया है। जानकारी के अनुसार पुरानी बर्फ को यह बर्फबारी तेज रफ्तार से पिघला रही है और हिमस्खलन का रूप धारण कर रही है, जिससे जिला के कई स्थानों में बड़े पैमाने में हिमस्खलन की घटनाएं आरंभ हो गई हैं। सोमवार को स्पीति की पिन घाटी, लिंगटी और माने के कई क्षेत्रों में हिमस्खलन की घटनाएं पेश आईं, जिसने जीवन प्रवाह को पूरी तरह से रोक दिया।
सड़क मार्ग फिर हुए बंद
सोमवार को पिनघाटी के कई स्थानों में भारी हिमस्खलन होने के कारण अतरगु से मुद तक सड़क यातायात अवरुद्ध हो गया, जिससे पिनघाटी का सड़क संपर्क एक बार फिर बाहरी दुनिया से कट गया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि अतरगु मुद सड़क मार्ग हाल ही में बहाल किया गया था। दूसरी तरफ माने के क्षेत्र को भी हिमस्खलन ने शेष भारत से अलग-थलग कर दिया है। लिंगटी के हिम स्खलन ने काजा के लिए हिंदोस्तान-तिब्बत राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध किया है। हिमस्खलन के मंडराते खतरे के बीच विभागीय मशीनरी लिंगटी में डटी है। हिमस्खलन से जानी नुक्सान होने की हालांकि कोई सूचना नहीं है लेकिन ताजा बर्फबारी के बाद जगह-जगह हिमस्खलन ने जिस तरह से रौद्र रूप धारण किया है, उसके खौफ ने लोगों को घरों में कैद करके रख दिया है। लोग घरों से निकल नहीं पा रहे हैं और हिम स्खलन के तांडव ने कई स्थानों पर उनके बाहर जाने के रास्ते एक बार फिर से बंद कर दिए हैं।