Edited By Punjab Kesari, Updated: 13 Dec, 2017 01:22 AM
विधानसभा चुनाव के लिए 18 दिसम्बर को होने वाली मतगणना के काऊंट डाऊन के बीच अब सबको एग्जिट पोल का इंतजार है।
शिमला: विधानसभा चुनाव के लिए 18 दिसम्बर को होने वाली मतगणना के काऊंट डाऊन के बीच अब सबको एग्जिट पोल का इंतजार है। एग्जिट पोल 14 दिसम्बर को गुजरात में दूसरे और अंतिम चरण की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद से आएगा, जिसमें सियासी पंडित चुनावी तस्वीर को लोगों के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। ऐसे में मतगणना से 4 दिन पहले से ही दोनों राज्यों की सियासत गरमा जाएगी। उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में 9 नवम्बर को 1 ही चरण में सभी 68 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव करवा लिया गया है। इसके बाद लंबी आदर्श चुनाव आचार संहिता के बीच राजनीतिक दल और प्रदेश की जनता चुनावी नतीजों का इंतजार कर रही है। चुनाव के लंबे अंतराल के बावजूद मतदाता खामोश है जो सियासी दलों की परेशानी को बढ़ा रहा है। हालांकि इस सबके बावजूद कांग्रेस और भाजपा अपनी-अपनी सरकार बनने का दावा कर रही हैं। इन दावों के बीच राजनीतिक दलों के साथ लोगों को भी बेसब्री से एग्जिट पोल का इंतजार है।
ओपिनियन पोल की बजाय एग्जिट पोल पर अधिक भरोसा
विधानसभा चुनाव प्रक्रिया के दौरान आए ओपिनियन पोल में भाजपा की स्थिति को मजबूत बताया गया था। हालांकि चुनावी विश्लेषक ओपिनियन पोल पर अधिक भरोसा नहीं करते। इसका कारण यह है कि ओपिनियन पोल चुनाव से पहले मतदाताओं के सैंपल पर आधारित होता है। सैंपल में शामिल मतदाता कई बार मतदान भी नहीं करते। इसके विपरीत एग्जिट पोल मतदान के बाद पोलिंग बूथ से बाहर निकलने वाले मतदाताओं पर आधारित सर्वेक्षण के आधार पर होता है। इसे चुनावी विश्लेषक अधिक सटीक मानते हैं। इसका कारण यह है कि इसमें उन मतदाताओं की राय होती है जिन्होंने वोट डाला होता है।