Edited By Punjab Kesari, Updated: 05 Jul, 2017 09:08 PM
पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने एक बार फिर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आरोपों के घेरे में लिया है।
हमीरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के छोटे बेटे अरुण धूमल ने एक बार फिर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को आरोपों के घेरे में लिया है। बुधवार को हमीरपुर में प्रैस वार्ता करते हुए उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा मनी लांड्रिंग के आरोपों के चलते आज मुख्यमंत्री पर सी.बी.आई. व ई.डी. ने मनी लांड्रिंग और भ्रष्टाचार के मामले दर्ज किए हैं। इसके चलते उनको पूरे परिवार सहित माननीय हाईकोर्ट में से बेल भी लेनी पड़ी और अब दिल्ली हाईकोर्ट ने उक्त मामलों की जांच हेतु जांच एजैंसियों को खुली छूट दे दी है, इससे मेरे आरोपों की पुष्टि हुई है। अब उन्होंने मुख्यमंत्री पर सोलन जिला के कडांघाट में जमीन को लेकर 23 करोड़ रुपये लेने में शामिल होने का आरोप लगाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले की सी.बी.आई. जांच करवाने का आग्रह किया है।
कंडाघाट में जमीन के सौदे में कैसे आया मुख्यमंत्री का नाम
उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह बताएं कि सोलन के कंडाघाट में फ्लोरिडा के एन.आर.आई. डाक्टर के साथ हुए करोड़ों रुपए के भू-सौदे में धारा-118 की परमिशन दिलाने में उनका नाम कैसे आया है। उन्होंने बताया कि एन.आर.आई. डाक्टर ने उक्त भू-सौदे में हुई धोखाधड़ी में हरियाणा हाईकोर्ट में धारा-156-ए में अर्जी दी थी, जिसके बाद फरीदाबाद पुलिस थाना में कोर्ट के आदेशों के बाद उक्त मामले में एक एफ.आई.आर. दर्ज हुई थी।
क्या लिखा है एफ.आई.आर. में
उन्होंने कहा कि एन.आर.आई. डाक्टर की एफ.आई.आर. में स्पष्ट रूप से दर्ज है कि फरीदाबाद के एक व्यक्ति ने उसे हिमाचल के सोलन जिला के कंडाघाट में मैडीकल कालेज बनाने के लिए 3 करोड़ रुपए की भूमि को 23 करोड़ रुपए में बेचा और धारा-118 की परमिशन दिलाने के लिए उसने बाकायदा मुख्यमंत्री सहित अन्य कई मंत्रियों व बड़े अधिकारियों से अच्छे संबंधों के चलते आश्वस्त किया था लेकिन जब एन.आर.आई. डाक्टर ने जमीन के पूरे पैसे फरीदाबाद के उक्त व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर कर दिए तो भी उसे धारा-118 की परमिशन नहीं मिली।
सोलन पुलिस ने रफा-दफा किया मामला
इसके चलते एन.आर.आई. डाक्टर ने सोलन पुलिस थाना में उक्त धोखाधड़ी की एफ.आई.आर. दर्ज करवानी चाही लेकिन सोलन पुलिस ने मामला रफा-दफा कर दिया। इसके बाद उसने हरियाणा के फरीदाबाद में एफ.आई.आर. दर्ज करवानी चाही लेकिन वहां भी पुलिस एफ.आई.आर. दर्ज करने में आना-कानी करने लगी, जिसके बाद उसने हरियाणा हाईकोर्ट में धारा-156ए के तहत अर्जी दी। इसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने वर्ष 2015 में उक्त मामले में एफ.आई.आर. दर्ज की है।
मुख्यमंत्री बताएं कितने करोड़ रुपए की घूस मिली
इसके बाद फरीदाबाद पुलिस ने हिमाचल में धारा-118 की परमिशन मुख्यमंत्री से उस एन.आर.आई. डाक्टर को दिलाने की एवज में 3 करोड़ रुपए की भूमि के 23 करोड़ रुपए वसूलने वाले व्यक्ति ओम प्रकाश शर्मा को गिरफ्तार भी किया जोकि बाद में अस्थायी बेल पर छूट गया है। उन्होंने आरोप लगाए कि मुख्यमंत्री का इस मामले में कैसे नाम एफ.आई.आर. में दर्ज है तथा उन्हें उक्त भू-सौदे में धारा-118 की परमिशन दिलाने की एवज में कितने करोड़ रुपए की घूस मिली है, इसका जवाब दें।