Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Feb, 2018 02:06 PM
पिछले कई वर्षों से कागजों में बन रही कृत्रिम झील के बनने की संभावना प्रबल हो गई है। जानकारी के अनुसार सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने राज्य योजना की बैठक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया है। सुभाष ठाकुर ने प्रदेश सरकार से अली खड्ड पर चैक डैम लगाकर...
बिलासपुर : पिछले कई वर्षों से कागजों में बन रही कृत्रिम झील के बनने की संभावना प्रबल हो गई है। जानकारी के अनुसार सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने राज्य योजना की बैठक में इस मामले को प्रमुखता से उठाया है। सुभाष ठाकुर ने प्रदेश सरकार से अली खड्ड पर चैक डैम लगाकर कृत्रिम झील बनाने का सुझाव दिया है। यदि सदर विधायक की यह योजना सिरे चढ़ती है तो बिलासपुर में लोगों को 12 महीने नौकायान करने की सुविधा मिलेगी तथा इससे जहां रोजगार बढ़ेगा, वहीं समीपवर्ती पंचायतों के किसानों को सिंचाई सुविधा भी उपलब्ध होगी। 60 के दशक में भाखड़ा बांध बनने के बाद अस्तित्व में आई गोङ्क्षबदसागर झील में जुलाई से लेकर फरवरी तक ही पानी रहता है, जिस कारण इस अवधि के दौरान ही यहां पर नौकायान करने की सुविधा रहती है जबकि पर्यटक सीजन में अप्रैल से लेकर जुलाई तक गोङ्क्षबदसागर झील खाली रहती है।
बेरोजगारों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे
इस कारण पर्यटक यहां नहीं रुकते। जानकारी के अनुसार सदर विधायक सुभाष ठाकुर ने तर्क दिया है कि यदि अली खड्ड पर चैक डैम बनाकर पानी रोका जाए तो इससे कुंगरहट्टी से लेकर बंदला-नोग तक कृत्रिम झील तैयार हो जाएगी। कृत्रिम झील बनने से पर्यटकों के आने से बेरोजगारों को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे, वहीं इसी झील पर सिंचाई योजना बनाई जा सकती है। प्रदेश सरकार को केवल एक बार ही खर्च करना पड़ेगा। कृत्रिम झील में सिंचाई योजना बनने से साथ लगती पंचायतों बामटा, चांदपुर, बल्ह-बलवाणा, कंदरौर, कुड्डी, बागी-बिनौला व निचली भटेड़ के किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो जाएगी। इन क्षेत्रों में सिंचाई सुविधा नहीं है। संबंधित पंचायतों में सिंचाई सुविधा मिलने के बाद किसान भी खुशहाल हो जाएंगे। भाखड़ा बांध का निर्माण होते समय हुए एग्रीमैंट के तहत प्रदेश सरकार इससे बनी गोङ्क्षबदसागर झील का पानी प्रयोग नहीं कर सकती।